नरसिंहपुरः तीन दिन तक जेल में रहे किसान मुख्यमंत्री शिवराज से पूछ रहे, बताएं हमारा कसूर क्या है!


रामप्रसाद दोहराते रहे कि उन्हें भी नहीं पता कि वे जेल क्यों गए। एक अन्य किसान रमेश कौरव भी इसी सवाल का जवाब खोज रहे हैं। वे मुख्यमंत्री से पूछ रहे हैं कि क्या वे बता सकते हैं कि उन्हें जेल में क्यों डाल दिया गया?


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
उनकी बात Updated On :

नरसिंहपुर। दो हज़ार रुपये के बकाया बिल के लिए तीन दिन तक जेल में रहकर आए बुजुर्ग किसान राम प्रसाद को अभी भी नहीं पता कि उन्हें जेल क्यों जाना पड़ा। बुधवार को देश के कई बड़े मीडिया संस्थानों के नुमाइंदे उनके पास आते रहे और उनसे पूछते रहे कि किसानों को सरकार द्वारा दी जा रही तमाम सहूलियतों के बावजूद क्यों उन्हें जेल जाना पड़ा। इसका जवाब रामप्रसाद को भी नहीं पता था। एक अन्य किसान रमेश कौरव भी इसी सवाल का जवाब खोज रहे हैं। वे मुख्यमंत्री से पूछ रहे हैं कि क्या वे बता सकते हैं कि अधिकारियों ने उन्हें जेल में क्यों डाल दिया ?

74 साल के रामप्रसाद और 38 साल के रमेश कौरव की गिरफ्तारी में  सरकारी तंत्र की लापरवाही और संवेदनहीनता नज़र आती है। बिजली विभाग ने जिले भर में बिजली चोरी के करीब ढ़ाई सौ से अधिक मामले बनाए हैं। ऐसा ही एक मामला आठ साल पहले  इन दोनों किसानों पर भी दर्ज किया था। बुजुर्ग किसान रामप्रसाद के परिजनों ने बताया कि उन्होंने उसी साल पेनाल्टी के 44 हज़ार रुपये जमा भी करवाए थे ऐसे में उन्हें किसी कार्रवाई की उम्मीद नहीं थी।

लेकिन अब उनके घर आई तो केवल पुलिस जिसने उन्हें बिजली चोरी का आरोपी बताया और गाडरवारा के कोर्ट में पेश किया। यहां से उन्हें जेल पहुंचा दिया गया। मामले में प्रकरण समाप्त करने की अनुशंसा भी बिजली विभाग ने तब दी जब राम प्रसाद के परिजनों से बकाया बताए गए दो हजार रुपये जमा करवाकर उसकी रसीद उन्हें दी गई।

बुजुर्ग किसान राम प्रसाद पर तो सभी का ध्यान गया लेकिन 38 वर्षीय किसान रमेश कौरव को अब तक नहीं पता कि उन्हें जेल क्यों जाना पड़ा। रमेश के भाई सुमंत्र कौरव ने बताया कि उन पर बिजली बिल के 6700 रुपये बकाया थे। उन पर भी चोरी का मामला दर्ज किया गया था। जब वे जेल में थे तो उनके एक दूसरे भाई बिजली विभाग पहुंचे और बकाया जमा करने की पेशकश की। इस दौरान उनसे 28563 रुपये ले लिये गए। अब 6700 के बकाया बिल पर इतनी रकम क्यों ली गई ये उन्हें भी नहीं पता।

रमेश कौरव बताते हैं कि उनके नाम पर केवल एक घरेलू कनेक्शन है, जिसका इस महीने का बिल केवल 98 रुपये आया था जो अब उन्होंने भर दिया है। किसान ने एक वीडियो जारी कर अपनी पीड़ा बताई है और मुख्यमंत्री से तंत्र की संवेदनहीनता पर सवाल किया है वे कहते कि प्रदेश में बहुत से लोगों का लाखों और करोड़ों रुपये तक का बिजली बिल बकाया है लेकिन क्या सभी को जेल जाना होता है!

हालांकि इस मामले में पुलिस से गलती होना बड़ी बात नहीं थी, बड़ी बात थी तो बकायेदार उपभोक्ता सुमंत कौरव के साथ उनके भाई रमेश का नाम लिखा जाना। जो बिजली विभाग के द्वारा लिखा गया। ऐसा क्यों किया गया इस बारे में रमेश आज भी बिजली विभाग से सवाल कर रहे हैं लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिल रहा।

मामले में गाड़रवारा में बिजली विभाग के कार्यपालन यंत्री सुभाष राय कहते हैं

  कार्रवाई ठीक है क्योंकि दोनों ही मामले चोरी के प्रकरण के हैं जिनमें बकाया राशि नहीं दी जा रही थी। ऐसे में हमसे कोई गलती नहीं हुई।



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