बेंगलुरू। कर्नाटक विधान परिषद ने भूमि सुधार (संशोधन) कानून पारित कर दिया है। अब राज्य में कोई भी किसानों से उनकी जमीन खरीद पाएगा। उसके विरोध में राज्यपाल से मुलाकात कर उस पर हस्ताक्षर न करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा है।
राज्यपाल को सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि, यह विधेयक किसान और मजदूर विरोधी है और इससे किसान अपनी जमीन से बेदखल हो जायेगा और इससे पूंजीपतियों को फायदा होगा जो गरीब और छोटे किसानों से कौड़ी के दाम पर उनकी जमीनें हड़प लेंगे। इसलिए राज्यपाल महोदय को इस कानून पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए।
दरअसल नौ दिसंबर (भाषा) कर्नाटक विधानपरिषद में विवादास्पद ‘कर्नाटक भूमि सुधार (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2020’ पारित किए जाने के एक दिन बाद बुधवार को इसे विधानसभा ने स्वीकृति दे दी। कर्नाटक भूमि सुधार (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 में 1961 के अधिनियम में और संशोधन किया गया है। इसके जरिये कृषि भूमि को खरीदने पर लगी लगभग सारी पाबंदियों को हटा दिया गया है।
कर्नाटक विधानपरिषद में कांग्रेस के भारी विरोध के बाद भी जनता दल (सेक्युलर) के समर्थन के बाद यह विधेयक पारित हो गया। विपक्ष ने सदन का वहिष्कार कर दिया था।