धार पुलिस में लागू होगी माइक्रो बीट प्रणाली, अपराध नियंत्रण को मिलेगी मजबूती


धार जिले में अपराध रोकने के लिए माइक्रो बीट प्रणाली लागू की जा रही है। छोटे क्षेत्रों में पुलिसकर्मियों की तैनाती से अपराधों पर नजर रखना आसान होगा।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

जिले में कानून व्यवस्था को सख्त बनाने और अपराधों पर लगाम कसने के लिए माइक्रो बीट प्रणाली लागू की जा रही है। यह प्रणाली पुलिसिंग को और अधिक प्रभावी बनाएगी, जिससे छोटे से छोटे अपराध पर भी तेजी से कार्रवाई की जा सकेगी। पुलिस विभाग ने बीट सिस्टम को और सूक्ष्म स्तर पर लागू करने का फैसला लिया है, जिससे प्रत्येक मोहल्ले, वार्ड और गांव पर सीधी नजर रखी जा सकेगी।

 

क्या है माइक्रो बीट प्रणाली?

अब तक पुलिस में बीट सिस्टम का जिम्मा सब-इंस्पेक्टर (SI) और असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) स्तर के अधिकारियों के पास होता था, लेकिन उनका क्षेत्र काफी बड़ा होने के कारण हर गतिविधि पर नजर रखना मुश्किल होता था। अब माइक्रो बीट प्रणाली के तहत पुलिसकर्मियों को छोटे-छोटे क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी जाएगी।

 

शहरी क्षेत्रों में: हर मोहल्ले और वार्ड को अलग-अलग बीट में बांटा जाएगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में: प्रत्येक तीन से चार गांवों का जिम्मा एक माइक्रो बीट प्रभारी को सौंपा जाएगा।

इन पुलिसकर्मियों को अपने क्षेत्र में गुंडों, बदमाशों, अपराधियों और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी होगी। वे वहां के सरपंच, चौकीदार और स्थानीय लोगों के साथ संपर्क में रहेंगे और हर गतिविधि का रिकॉर्ड रखेंगे।

धार जिले में लागू हो रही माइक्रो बीट प्रणाली

धार पुलिस ने 23 थानों को 650 माइक्रो बीट में बांटने की योजना बनाई है। जिले में करीब 95 बीट बनाए गए हैं, जिनमें 1300 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य पुलिस की सक्रियता बढ़ाना और अपराधों पर नियंत्रण पाना है।

एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि धार जिले में कई संवेदनशील गांव हैं, जहां पुलिस की पैठ बढ़ाने और अपराधियों पर सीधी नजर रखने के लिए यह प्रणाली जरूरी थी। साथ ही, अपराधियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

 

कैसे काम करेगा माइक्रो बीट सिस्टम?

1. हर बीट प्रभारी अपने क्षेत्र की पूरी जानकारी रखेगा।

2. गांव में आने-जाने वाले संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जाएगी।

3. गुंडों, बदमाशों, हिस्ट्रीशीटरों और संदिग्ध तत्वों की सूची तैयार की जाएगी।

4. थानों में सूचना संकलन की व्यवस्था मजबूत होगी।

5. हर बीट प्रभारी अपने इलाके के सरपंच, सचिव और अन्य स्थानीय नेताओं से संपर्क में रहेगा।

6. शिकायतों का तुरंत निपटारा करने के लिए बीट प्रभारी त्वरित कार्रवाई करेंगे।

7. हर बीट के प्रमुख स्थानों (होटल, लॉज, ढाबे, कॉलेज, अस्पताल, किरायेदारों) की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।

 

पुलिस बल की कमी बनी चुनौती

हालांकि, पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, बल की कमी के कारण बीट सिस्टम पूरी तरह प्रभावी नहीं हो पा रहा था। कई बार बीट प्रभारी को अन्य जिम्मेदारियां भी मिल जाती थीं, जिससे वे अपने क्षेत्र पर पूरी तरह ध्यान नहीं दे पाते थे।

अब माइक्रो बीट प्रणाली लागू होने से यह समस्या काफी हद तक दूर होगी। छोटे-छोटे क्षेत्रों में तैनात पुलिसकर्मी पूरी तरह अपने क्षेत्र पर फोकस कर सकेंगे।

 

कानून व्यवस्था पर क्या होगा असर?

  • अपराधों पर सख्त निगरानी से संवेदनशील इलाकों में अपराध दर घटेगी।
  • स्थानीय लोगों का पुलिस पर विश्वास बढ़ेगा।
  • गांवों और मोहल्लों की समस्याओं को पुलिस जल्दी हल कर सकेगी।
  • शहरों और ग्रामीण इलाकों में असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर लगाम लगेगी।
  • शिकायतों का निपटारा जल्दी होगा और पुलिस की छवि मजबूत होगी।

 

पुलिस मुख्यालय के आदेश पर काम शुरू

धार पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जिले में माइक्रो बीट प्रणाली लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कई थानों में आरक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे अपने बीट क्षेत्र में सक्रिय निगरानी कर सकें।

एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इससे न केवल अपराधों पर लगाम लगेगी, बल्कि पुलिस और जनता के बीच संबंध भी बेहतर होंगे। अब देखना होगा कि यह प्रणाली अपराध नियंत्रण में कितनी कारगर साबित होती है।

 



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