
सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक से इनकार के बाद पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुक्रवार सुबह से शुरू हो गई। यह कचरा रामकी एनवायरी फैक्ट्री के इंसीनरेटर में जलाया जा रहा है। पहले ट्रायल रन में 10 टन कचरे को नष्ट किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया करीब 72 घंटे तक चलेगी। इस पूरे अभियान के दौरान मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अधिकारी निगरानी कर रहे हैं।
सुरक्षा के सख्त इंतजाम, 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात
इस संवेदनशील प्रक्रिया के चलते इंदौर ग्रामीण और धार जिले के 24 थानों से 500 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। फैक्ट्री परिसर के अंदर स्पेशल आर्म्ड फोर्स (SAF) के 130 जवान मौजूद हैं, जबकि डीएसपी और टीआई स्तर के अधिकारी बाहरी सुरक्षा की कमान संभाले हुए हैं। तारपुरा गांव और शहर के प्रमुख चौराहों पर 650 से अधिक जवानों की तैनाती की गई है।
5 घंटे में 850 डिग्री तापमान पर पहुंचा इंसीनरेटर
कचरे को जलाने की प्रक्रिया सुबह साढ़े 10 बजे शुरू की गई। पहले इंसीनरेटर को 850 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया गया, जिसमें करीब 5 घंटे का समय लगा और 600 लीटर प्रति घंटे की दर से डीजल की खपत हुई। इंसीनरेटर के तापमान सेट होने के बाद इसमें कचरा डाला गया। सभी कर्मचारी विशेष सुरक्षा उपकरणों के साथ इस प्रक्रिया में शामिल हैं।
कचरे से निकलने वाले धुएं, राख और गैस का निपटारा
इस प्रक्रिया के दौरान फैक्ट्री की चिमनी से कोई धुआं निकलता नहीं दिख रहा है। प्रदूषण बोर्ड के रीजनल अधिकारी श्रीनिवास द्विवेदी ने बताया कि कचरे से निकलने वाली राख, गैस, सॉलिड पार्टिकल और पानी को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया जाएगा। इस पूरे कार्य की निगरानी केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी कर रहे हैं।
कलेक्टर बोले- जनता को दिखाएंगे जलता हुआ कचरा
धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि जनता को वीडियो के माध्यम से कचरा जलाने की पूरी प्रक्रिया दिखाई जाएगी ताकि कोई संदेह न रहे। उन्होंने पीथमपुर के नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की।
विरोध जारी, हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका की तैयारी
पीथमपुर बचाओ समिति के अध्यक्ष हेमंत हिरोले ने आरोप लगाया कि 11 झूठे हलफनामे देकर ट्रायल रन की अनुमति ली गई है। समिति जल्द ही मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी और प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट पेश कर इस प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग करेगी।
आगे की योजना!
पहले चरण में 10 टन कचरा जलाने में 72 घंटे का समय लगेगा। इसके बाद अगली खेप की योजना बनाई जाएगी। प्रशासन ने दावा किया है कि पूरी प्रक्रिया निश्चित प्रोटोकॉल के तहत हो रही है। कलेक्टर ने पीथमपुर की जनता का धन्यवाद किया और भरोसा दिलाया कि किसी भी तरह की अनियमितता नहीं होगी।