भोपाल। मध्यप्रदेश में अब 13 स्टेट हाईवे पर टोल टैक्स वसूला जाएगा। PWD के इस प्रस्ताव पर मंगलवार आठ दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई है।
इन सड़कों से जो टैक्स वसूली होगी, वह राजमार्ग निधि में जमा की जाएगी और रखरखाव के लिए इसका उपयोग किया जाएगा। इससे सरकार को करीब 160 करोड़ रुपये राजस्व मिलने की उम्मीद है।
इन सड़कों पर लगेगा टोल टैक्स
सड़क- लंबाई (किमी)
होशंगाबाद-पिपरिया 70
होशंगाबाद-टिमरनी 72
हरदा-आशापुर-खंडवा 113
सिवनी-बालाघाट 87
रायसेन-गैरतगंज-राहतगढ़ 101
पिपरिया-नरसिंहपुर-शाहपुर 140
रतलाम-झाबुआ 102
ब्यौहारी-शहडोल 85
देवास-उज्जैन-बड़नगर-बदनावर 98
रीवा-ब्यौहारी 80
मलहरा-लांदी-चांदला 60
गोगापुर-महिदपुर-घोसला 45
चांदला-सरवई-गौरीहर-मतौंड 43
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के मुख्य बिंदु।
-"Innovative Ideas" पर कार्य करें मंत्री गण
– #AatmaNirbharMP के रोडमैप का अमल करें सुनिश्चित
-प्रत्येक सोमवार को मंत्री करेंगे विभागीय समीक्षा
-किसानों के हित में हैं तीनों कृषि कानून pic.twitter.com/aB34A2EgbI— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) December 8, 2020
कोरोना महामारी के कारण सरकार के खाली खजाने को भरने के लिए शिवराज सरकार का यह दांव कितना कारगर होता है, यह तो वक्त ही बताएगा।
साथ ही साथ इस कैबिनेट बैठक में यह भी तय किया गया है कि छोटे हितधारकों को पुनर्वास के लिए सरकार मुआवजा भी देगी। इसके अलावा राष्ट्रीय झील प्राधिकरण की योजना के अंतर्गत शिवपुरी झील के पर्यावरण संरक्षण के लिए 19.55 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
इतना ही नहीं, शिवराज कैबिनेट ने कमलनाथ सरकार द्वारा एक साल पहले लिया गया फैसला पलटते हुए अब मेयर या नपाध्यक्ष का चुनाव फिर से जनता द्वारा ही किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। शिवराज सरकार चाहती है कि जनता ही चुनें और इससे विकास तेजी से होता है।
एक साल पहले कमलनाथ सरकार ने पार्षदों द्वारा मेयर या नपाध्यक्ष के चुनाव को मंजूरी दी थी। इसके पीछे तर्क दिया था कि यही लोकतांत्रिक तरीका है। देश के प्रधानमंत्री और प्रदेशों में मुख्यमंत्री भी विधायक-सांसद मिलकर चुनते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में भोपाल-इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण आपसी समझौते के आधार पर करने का भी निर्णय लिया गया है।