मांडव के जंगल में तेंदुए का शावक मृत मिला, फॉरेंसिक जांच के आदेश


मांडव के जंगल में एक तेंदुए का शावक मृत पाया गया। प्राथमिक जांच में आपसी संघर्ष में मौत की आशंका। फॉरेंसिक जांच के लिए अंग लैब भेजे गए।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

मध्य प्रदेश के मांडव क्षेत्र के घने जंगलों में गुरुवार सुबह एक तेंदुए का शावक मृत अवस्था में पाया गया। तेंदुए की उम्र लगभग डेढ़ वर्ष आंकी गई है। घटना की सूचना बकरी चराने वाले एक आदिवासी बालक ने सरपंच को दी, जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। मांडू वन परिक्षेत्र अधिकारी भुवनसिंह मंडलोई के अनुसार, शावक के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। प्रारंभिक जांच में यह मामला तेंदुओं के आपसी संघर्ष का प्रतीत होता है। हालांकि, जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी।

  
घटना की गंभीरता को देखते हुए तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों की एक पैनल द्वारा किया गया। इस टीम में डॉक्टर निकिता वास्केल, ब्रजेश ओसरी, और सुरेश कनेल शामिल थे। पोस्टमार्टम के बाद तेंदुए के अंगों को फॉरेंसिक जांच के लिए राऊ स्थित लैब भेजा गया है।

दाह संस्कार नियमों के अनुसार संपन्न
मृत तेंदुए के शावक का अंतिम संस्कार शाम 5:30 बजे मांडू वन परिक्षेत्र के पास स्थित एक खाली स्थान पर किया गया। दाह संस्कार की प्रक्रिया नियमानुसार वन अधिकारियों, डॉक्टरों, और स्थानीय प्रतिनिधियों की मौजूदगी में पूरी की गई। इस अवसर पर धार वन मंडल अधिकारी अशोक वर्मा, तहसीलदार राहुल गायकवाड़, नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि जयराम गावर सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

पिछले मामलों से बढ़ी चिंता
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही मांडू वन परिक्षेत्र की बगड़ी सब रेंज के पीथमपुर क्षेत्र में भी एक तेंदुआ मृत अवस्था में पाया गया था। इन लगातार घटनाओं ने वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है। विभाग ने इन घटनाओं की गहन जांच और तेंदुओं की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय करने की बात कही है।

वन्यजीवों की सुरक्षा पर सवाल
मांडव के जंगलों में तेंदुओं की ऐसी लगातार हो रही मौतों ने वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वन विभाग द्वारा की जा रही जांच और फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही इन मौतों के पीछे की वास्तविक वजह सामने आएगी।