इंदौर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सोमवार को इंदौर पहुंचे। किसान आंदोलन के बीच उन्होंने कृषि कानूनों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दे डाली कि उन्हें अहंकार छोड़कर किसानों से बात करना चाहिए।
इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के दबाव में सरकार ऐसे कृषि कानून लेकर आई है।
उन्होंने कृषि कानून को काला कानून बताते हुए कहा कि राज्यसभा में जब इस बिल का विरोध किया तो सदस्यों को सदन से निष्कासित कर दिया गया था।
यह काला कानून किसानों को बर्बाद कर देगा। संयुक्त संसदीय समिति बनाई जाना चाहिए और कानून में संशोधन किए जाना चाहिए। प्रधानमंत्री को अपना अहंकार छोड़कर आंदोलन कर रहे किसानों से बात करना चाहिए।
मीडिया से बातचीत में दिग्विजय ने ईवीएम के साथ-साथ कोरोना संक्रमण से बचाव की बन रही वैक्सीन पर भी भरोसा नहीं जताते हुए बयानबाजी की।
सोमवार को इंदौर आए कांग्रेस नेता दिग्विजय ने प्रदेश में हुए उपचुनावों में कांग्रेस की हार का ठीकरा एक बार फिर से ईवीएम पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि वे हमेशा से कहते रहे हैं कि चुनाव बैलेट पेपर से ही होना चाहिए।
कोरोना की वैक्सीन पर उन्होंने कहा कि हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने मशहूर होने के चक्कर में सबसे पहले वैक्सीन लगवाई और वे खुद कोरोना की चपेट में आ गए हैं। ऐसे में फॉर्मा कंपनियों के दावे और वैक्सीन पर भरोसा कैसे किया जा सकता है।
#WATCH …People of India should not be made Guinea pigs. Haryana's Minister Vij sahab got himself vaccinated to gain fame and later got infected with COVID. He's now explaining about doses and duration…: Congress leader Digvijaya Singh pic.twitter.com/y93oOepf2v
— ANI (@ANI) December 7, 2020
बता दें कि कांग्रेस ने मंगलवार आठ दिसंबर को भारत बंद के समर्थन और कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन व अनाज मंडी बंद करवाने का ऐलान किया है।
प्रशासन ने अब तक कांग्रेस को आयोजन की अनुमति नहीं दी है, वहीं दिग्विजय ने प्रदर्शन और धरने में शामिल होने की घोषणा की है।
इस बाबत दिग्विजय ने कहा कि भले प्रशासन अनुमति दे या न दें हम विरोध प्रदर्शन करेंगे और धरना भी देंगे। प्रशासन को गिरफ्तार करना है तो कर ले।