कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को विरोध प्रदर्शन जारी है। बीते 1, 3 और 5 दिसंबर को सरकार और किसान नेताओं के वार्ता बेनतीजा रहीं और अब 9 दिसंबर को अगले दौर की वार्ता का प्रस्ताव है किंतु उससे पहले किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का एलान किया है। किसानों के भारत बंद को व्यापक समर्थन भी मिला है। इस दौरान कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग के साथ बीते 26 नवंबर से लाखों किसान दिल्ली को बाहर से घेर कर बैठे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं।
Farmers continue to protest at Tikri (Delhi-Haryana border), as their agitation against farm laws enters Day 12. pic.twitter.com/Ei4f5V64zn
— ANI (@ANI) December 7, 2020
इसी कड़ी में आज दिल्ली नोएडा सीमा पर एक किसान ने विरोध का एक अनोखा तरीका अपनाते हुए अपनी भैंस के आगे बीन बजाई। यहाँ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि, सरकार इन दिनों इसी तरह से काम कर रही है।
#WATCH | नोएडा: कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए एक व्यक्ति ने भैंस के आगे बीन बजाई। #FarmersProtest pic.twitter.com/h8PdluagHj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 7, 2020
गाज़ीपुर बॉर्डर( यूपी-दिल्ली बॉर्डर) पर भी किसानों का विरोध प्रदर्शन आज भी जारी है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए किसानों को आज यहां 10 दिन हो गए हैं।
वहीं, सोमवार को पंजाब के कांग्रेस सांसदों ने आज कृषि कानूनों पर विचार करने के लिए संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद अमर सिंह ने कहा, “संसद का विशेष सत्र बुलाने और सरकार को काले कानून वापस लेने को कहने के लिए हम यहां आए हैं।”
पंजाब में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अमृतसर में अकाल तख्त पर किसान कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में अरदास (प्रार्थना) आयोजित की।
आज सुबह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों ने सिंघु बॉर्डर के पास गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में किसानों से मुलाकात की और उनके लिए की गई व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया।
फरीदकोट के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने कहा कि, कल बंद में सभी हमारा समर्थन कर रहे हैं। सभी अपने आप बाज़ार बंद करने के लिए कह रहे हैं सभी लोग इस बंद के लिए तैयार हैं वे जानते हैं कि किसान सही है इसलिए वो हमारा समर्थन कर रहे हैं। बंद के दौरान जरूरी सेवाएं पर छूट होगी। उन्होंने कहा कि, 9 तारीख को हमारे पक्ष में फैसला आए चाहें नहीं, अगर आता है तो बहुत अच्छा है और अगर नहीं आता है तो हम ये सोच के नहीं आए थे कि हम घर वापस चले जाएंगे। हम यहीं संघर्ष करते रहेंगे। जब तक हम जीत नहीं जाते तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे।
टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा कि, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) आंदोलनकारी किसानों के साथ खड़ी है लेकिन हम पश्चिम बंगाल में भारत बंद का समर्थन नहीं करेंगे।