धार जिले ने मत्स्य बीज उत्पादन में प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल कर अपनी अग्रणी भूमिका स्थापित की है। सहायक संचालक मत्स्योद्योग, टी.एस. चौहान ने जानकारी दी कि पिछले एक वर्ष में जिले में 4396.83 लाख स्टैंडर्ड फाई का उत्पादन किया गया, जिससे यह प्रदेश में शीर्ष स्थान पर रहा। जिले में 21,985 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन भी किया गया, जो निर्धारित लक्ष्य से अधिक है। इसके अलावा, 65.230 हेक्टेयर नवीन जलक्षेत्र को भी मत्स्य पालन के दायरे में लाया गया है।
रोजगार में बढ़ोत्तरी
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत धार जिले में पिछले एक वर्ष में 412 लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है। इनमें से 31 व्यक्तियों को सीधे तौर पर और 45-50 व्यक्तियों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। इस योजना के तहत जिले में 0.5 हेक्टेयर के तालाबों में हाई-डेंसिटी मत्स्य पालन पद्धति अपनाई गई है।
इस तकनीक से पंगेशियस मछली का साल में दो बार उत्पादन किया जा रहा है। ग्राम करोंदियामोटा के ददुसिंह पिता शोभाराम और ग्राम काबरवा की चंपाबाई पति प्रेमसिंह ने हाई-डेंसिटी पद्धति से उल्लेखनीय सफलता पाई है।
कोल्ड स्टोरेज की स्थापना और पुरस्कार
योजना के तहत कोल्ड स्टोरेज की स्थापना से उपभोक्ताओं को ताजी और हाईजीनिक मछलियां उपलब्ध कराई जा रही हैं। खलघाट निवासी दिलीप जादम ने इस सुविधा का लाभ उठाकर 8-10 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया है।
जिले के प्रगतिशील मत्स्य बीज उत्पादक कैलाश रामचंद्र वर्मा को आत्मा योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
योजना से बढ़ा उत्पादन
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के सफल क्रियान्वयन से धार जिले में मत्स्य बीज और मछली उत्पादन में निरंतर वृद्धि हो रही है। इस योजना ने मत्स्य पालन को आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से लाभदायक बनाया है। इससे रोजगार के नए अवसरों के साथ जिले की आर्थिक प्रगति में भी योगदान हो रहा है।