स्कूल का विकास ऐसा कि मिट्टी में गाड़ दिए सरिये, 23 लाख के निर्माण में लापरवाही


गांव वालों ने वीडियो और फोटो कर दिये वायरल और खुल गई पोल


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :

सरकार ग्रामीण विकास के लिए करोड़ों रुपये का आवंटन करती है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते कई बार इन योजनाओं में गंभीर खामियां देखने को मिलती हैं। ऐसा ही मामला धार जिले की सरदारपुर तहसील के श्यामपुरा ठाकुर गांव में सामने आया है। यहां 23 लाख रुपये की लागत से बन रहे प्राथमिक विद्यालय भवन का निर्माण कार्य गुणवत्ता की कमी और लापरवाही का उदाहरण बन गया।

भवन निर्माण के लिए लेआउट तो तैयार किया गया, लेकिन नींव का काम बेहद घटिया तरीके से किया गया। नींव के लिए गड्ढे खोदकर बीम या जाल बनाने के बजाय केवल छेद करके कालम खड़े कर दिए गए। यह निर्माण कार्य तय मानकों के विपरीत किया जा रहा था।

ग्राम पंचायत श्यामपुरा ठाकुर में भाजपा नेता और जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि सुनील गामड़ की जागरूकता के कारण यह लापरवाही समय रहते उजागर हो गई। गामड़ ने निर्माण कार्य की वीडियो और तस्वीरें वायरल कर दीं, जिससे मामला तूल पकड़ गया।

सरकारी निर्माण में भ्रष्टाचार

श्यामपुरा ठाकुर में 23 लाख रुपये की लागत से प्राथमिक विद्यालय भवन का निर्माण होना था। लेकिन नींव मजबूत करने के लिए जरूरी बीम और जाल का इस्तेमाल नहीं किया गया। घटिया तरीके से छेद बनाकर उसमें सरिये खड़े कर दिए गए। जब सुनील गामड़ ने इस स्थिति को देखा, तो उन्होंने तुरंत इसकी सूचना दी और वीडियो-तस्वीरें साझा कीं।

मामले के तूल पकड़ने के बाद संबंधित अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य रुकवा दिया। जो कालम पहले बनाए गए थे, उनके सरिये कटवाकर हटवा दिए गए। गामड़ की जागरूकता और सक्रियता से एक बड़ी लापरवाही समय रहते रोक दी गई। हालांकि, यह मामला केवल एक बानगी भर है। सरदारपुर तहसील क्षेत्र में कई अन्य निर्माण कार्य भी नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि समय रहते इन पर ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में बड़ी दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहेगी। इस मामले में जनपद पंचायत के सीईओ और संबंधित उपयंत्री से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन दोनों अधिकारियों ने कॉल रिसीव नहीं किया।

क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि?

जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि सुनील गामड़ ने कहा,
“सरकार जब पैसा देती है, तो निर्माण कार्य भी गुणवत्ता का होना चाहिए। यह बच्चों के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है। कमजोर नींव पर बने भवन से बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा दोनों प्रभावित होंगी।”



Related