46 लाख की अनियमितता: वसूली पर हंगामे की धमकी, सहकारिता विभाग में मचा हड़कंप


वर्ष 2018-20 के दौरान 46.99 लाख और 12.20 लाख रुपये की वित्तीय गड़बड़ी की गई थी। सुनवाई के बाद संबंधित कर्मचारियों पर वसूली के आदेश जारी किए गए। लेकिन, वसूली आदेश के बाद एक महिला कर्मचारी ने उपायुक्त को धमकी दी, जिससे हड़कंप मच गया।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

सेवा सहकारी संस्था मर्यादित पलवाड़ा में वर्ष 2018 से 2020 के बीच विभिन्न सरकारी मदों में आर्थिक अनियमितताओं के मामलों में सहकारिता उपायुक्त द्वारा वसूली के आदेश दिए जाने पर एक महिला कर्मचारी ने उन्हें धमकी दी। यह मामला गंभीर रूप से सामने आया है, जहां सहायक कर्मचारी ने सोशल मीडिया के जरिए धमकी भरे संदेश भेजे और कार्यालय में हंगामा करने की धमकी दी।

उपायुक्त सहकारिता धार ने इस संबंध में नौगांव पुलिस थाने में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। उपायुक्त ने कार्यालय की सुरक्षा के लिए भी पुलिस बल की मांग की, जिसके बाद सोमवार को वहां एक चार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई।

 

वसूली के आदेश के बाद धमकी…

सेवा सहकारी संस्था मर्यादित पलवाड़ा में कर्मचारी तरूणा ढोबले, राधेश्याम राठौर और अन्य कर्मचारियों पर आर्थिक अनियमितताओं के आरोप हैं। इन अनियमितताओं में बचत बैंक, अमानत भुगतान, प्राप्त वसूली, और वेतन मद से संबंधित 46.99 लाख और 12.20 लाख रुपये की गड़बड़ी पाई गई थी।

उप रजिस्ट्रार सहकारी सोसायटी वर्षा श्रीवास ने 26 नवंबर को सुनवाई के बाद संबंधित कर्मचारियों पर वसूली के आदेश जारी किए। इसमें दो कर्मचारियों ने अपनी देनदारी की राशि जमा कर दी, लेकिन अन्य कर्मचारियों द्वारा राशि जमा नहीं करने पर कार्रवाई की गई।

तरूणा ढोबले पर वसूली:

पहले प्रकरण में 46.99 लाख रुपये की अनियमितता पाई गई, जिसमें 31.07 लाख रुपये की वसूली के आदेश दिए गए। इसमें तरूणा ढोबले पर 23.25 लाख रुपये की देनदारी तय की गई। दूसरे प्रकरण में 12.20 लाख रुपये की अनियमितता पर भी सुनवाई हुई, जिसमें तरूणा पर 1.61 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया गया।

सोशल मीडिया पर धमकी और सुरक्षा की मांग:

रविवार को तरूणा ढोबले ने सोशल मीडिया के जरिए उपायुक्त श्रीवास को धमकी भरे संदेश भेजे। इसमें उन्होंने कार्यालय में हंगामा करने की बात कही। इस पर उपायुक्त ने नौगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई और सुरक्षा की मांग की।

सोमवार को सुरक्षा के तहत पुलिस बल तैनात किया गया। उपायुक्त श्रीवास ने बताया कि उन्होंने नियमानुसार सुनवाई और साक्ष्य के आधार पर वसूली के आदेश दिए थे। संबंधित कर्मचारी ने इन आदेशों के बाद धमकी भरे संदेश भेजकर डराने का प्रयास किया।

ये है मामला

सेवा सहकारी संस्था मर्यादित पलवाड़ा में वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई थीं।

पहला मामला: 46.99 लाख रुपये की गड़बड़ी, जिसमें 31.07 लाख रुपये की वसूली के आदेश दिए गए।

दूसरा मामला: 12.20 लाख रुपये की अनियमितता, जिसमें संबंधित कर्मचारियों पर अलग-अलग वसूली की राशि तय की गई।

इस प्रकरण में सहकारी संस्था के कई कर्मचारियों पर आरोप हैं, लेकिन तरूणा ढोबले को सबसे अधिक राशि जमा करने का आदेश दिया गया।

उपायुक्त श्रीवास ने नौगांव थाने में आवेदन देकर मामले की गंभीरता से जांच करने और धमकी देने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।

 



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