जिले के 39 मंडल अध्यक्षों की रायशुमारी में तीन-तीन नामों पर चर्चा, बूथ अध्यक्षों से 10 और 11 दिसंबर को होगी रायशुमारी


मंडल अध्यक्ष के चुनाव के मापदंड में बदलाव, अब बूथ अध्यक्षों से भी ली जाएगी राय; 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्ष और 31 दिसंबर तक जिलाध्यक्ष का होगा चुनाव


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

संगठन पर्व के अंतर्गत जिले में बूथ समिति गठन पूरा होने के बाद अब जिले के 39 मंडल अध्यक्षों के लिए रायशुमारी की प्रक्रिया चल रही है। 8 दिसंबर को कुक्षी, मनावर और गंधवानी विधानसभा क्षेत्रों में मंडल अध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी आयोजित की गई।

 

भारतीय जनता पार्टी के संगठन चुनावों में मंडल अध्यक्ष पद के लिए हो रही रायशुमारी को लेकर वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी सामने आई। शुरुआत में केवल मौजूदा मंडल अध्यक्ष, पूर्व मंडल अध्यक्ष, बड़े शहरों में पार्षद और छोटे शहरों में महापौर या नगरीय निकाय अध्यक्षों की राय ली जा रही थी। लेकिन जब 7 दिसंबर से रायशुमारी शुरू हुई और यह मापदंड वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचा, तो उन्होंने आपत्ति जताई। इसके बाद पार्टी ने मानक में बदलाव करते हुए बूथ अध्यक्षों से भी राय लेने का फैसला किया।

 

भाजपा संगठन चुनाव…

सोमवार को धार जिला मुख्यालय पर भाजपा संगठन के जिला सह निर्वाचन अधिकारी डॉ. राज बर्फा और प्रकाश धाकड़ ने धार, सरदारपुर, बदनावर और धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रों के अपेक्षित जिला पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मंडल अध्यक्ष के लिए अपनी राय मांगी। सभी ने तीन-तीन नामों की सूची प्रस्तुत की।

प्रदेश संगठन और धार जिला निर्वाचन अधिकारी रामेश्वर शर्मा के निर्देशानुसार, 10 और 11 दिसंबर को जिले के सभी 39 मंडलों में मंडल निर्वाचन अधिकारी पहुंचेंगे और बूथ अध्यक्षों से मंडल अध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी करेंगे। भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज सोमानी ने बताया कि जिले में पहले 37 मंडल थे। अब दो नए मंडल जोड़े गए हैं—कुक्षी विधानसभा का लोहारी मंडल और धरमपुरी विधानसभा का बगड़ी मंडल।

भाजपा जिला मीडिया प्रभारी संजय शर्मा ने बताया कि रायशुमारी में मंडल क्षेत्र में निवासरत भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व जिला अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष, नगर परिषद अध्यक्ष, जिला पदाधिकारी, मोर्चा अध्यक्ष, और वर्तमान एवं पूर्व मंडल अध्यक्षों से तीन-तीन नाम लिखित रूप में बंद लिफाफे में मांगे गए।

 

31 दिसंबर तक जिलाध्यक्ष का चुनाव:

मंडल अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया 15 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद जिलाध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी और 31 दिसंबर तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। जिलाध्यक्ष पद के लिए 60 वर्ष की आयु सीमा तय होने के कारण दावेदारों की संख्या बढ़ गई है।

भाजपा के हर स्तर के नेता मंडल अध्यक्ष पद पर अपनी पसंद के व्यक्ति को चुनवाने के लिए जोर लगा रहे हैं क्योंकि इसका प्रभाव जिलाध्यक्ष पद के समीकरण पर पड़ेगा। पूरे प्रदेश में रायशुमारी की प्रक्रिया 12 दिसंबर तक पूरी की जाएगी।

 

पुराने नेताओं की रणनीति पर विराम!

अधिकांश मंडल अध्यक्ष अब तक विधायकों की पसंद के बने हुए थे। यदि उन्हें दोबारा चुना गया तो संगठन की नई रणनीति पर असर पड़ सकता है। बूथ अध्यक्षों को शामिल करने के फैसले से पुराने नेताओं की योजनाओं पर भी असर पड़ा है।

 



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