जिले में BJP संगठन पर्व के अंतर्गत संगठन चुनाव प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इस प्रक्रिया में पहले मंडल अध्यक्ष चुने जाएंगे और उसके बाद नए साल में जिलाध्यक्ष का चयन किया जाएगा। जिले के 37 मंडलों में यह चुनाव प्रक्रिया एक साथ संपन्न होगी। इसके लिए 2 दिसंबर को जिला मुख्यालय पर भाजपा की एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में जिला निर्वाचन अधिकारी और भोपाल हुजूर के विधायक रामेश्वर शर्मा ने पर्यवेक्षक के तौर पर भाग लिया।
मंडल पुर्नगठन की प्रक्रिया 5 दिसंबर से शुरू होगी। इसके तहत मंडल स्तर पर वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ रायशुमारी की जाएगी। हर मंडल से 3-3 नामों की पैनल बनाई जाएगी और उनमें से ही सर्वसम्मति से मंडल अध्यक्ष का चयन होगा। इस बार नई गाइडलाइंस के अनुसार बूथ अध्यक्षों से रायशुमारी नहीं की जाएगी। केवल मंडल में निवासरत प्रदेश पदाधिकारी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, जिला पदाधिकारी, वर्तमान मंडल अध्यक्ष और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की जाएगी।
BJP संगठन पर्व
मंडल अध्यक्ष के लिए पात्रता तय करने में संगठन ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए अध्यक्ष को मिलनसार, अनुशासनप्रिय, कार्यकर्ताओं की सुनने वाला और भाजपा को बूथ स्तर पर मजबूत करने वाला होना चाहिए। इसके अलावा, उस पर किसी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्रवाई या आर्थिक अपराध का आरोप नहीं होना चाहिए।
6 साल बाद संगठन चुनाव:
भाजपा में यह संगठन चुनाव 6 साल बाद हो रहे हैं। पिछली बार 2019 में जिलाध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन हुआ था, जिसमें राजीव यादव का मनोनयन किया गया था। हालांकि, बाद में विधानसभा चुनावों के दौरान मनोज सोमानी को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया। वर्तमान जिलाध्यक्ष सोमानी का कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन संगठन की नई चुनावी प्रक्रिया के तहत अब नए जिलाध्यक्ष का चुनाव होगा।
जिलाध्यक्ष के लिए दावेदारी:
मंडल अध्यक्षों के चुनाव के बाद जिलाध्यक्ष पद के लिए प्रक्रिया शुरू होगी। भाजपा के सूत्रों के अनुसार, इस बार जिलाध्यक्ष के दावेदारों की संख्या काफी अधिक है। पीथमपुर से लेकर मनावर तक के नेताओं ने अपनी दावेदारी के लिए तैयारी शुरू कर दी है। प्रमुख दावेदारों में जिला उपाध्यक्ष विश्वास पांडे, पीथमपुर से नीलेश भारती और प्रकाश धाकड़, मनावर से सौरभ शर्मा और वर्तमान जिलाध्यक्ष मनोज सोमानी के नाम चर्चा में हैं।
हालांकि, बड़े नेताओं की आपसी खींचतान और पसंद-नापसंद के कारण कई नामों पर असहमति होने की संभावना है। ऐसे में किसी सर्वसम्मत और चौंकाने वाले नाम के उभरने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि यदि मतभेद अधिक होते हैं, तो बदनावर के वरिष्ठ नेता शेखर यादव का नाम जिलाध्यक्ष के रूप में उभर सकता है। शेखर यादव को सभी गुटों का समर्थन प्राप्त है और वे संगठन के अनुभवी नेता माने जाते हैं।
नए साल में मिलेगा नया जिलाध्यक्ष:
भाजपा का यह चुनावी कार्यक्रम दिसंबर में शुरू होकर इसी महीने समाप्त हो जाएगा। इसके बाद नए साल में प्रदेश स्तर से जिलाध्यक्ष की घोषणा की जाएगी। जिले के सभी 37 मंडलों में भी नए अध्यक्षों की नियुक्ति हो जाएगी। भाजपा के सह मीडिया प्रभारी दीपकसिंह रघुवंशी ने जानकारी दी कि 5 दिसंबर से प्रक्रिया शुरू हो रही है।