शिक्षा के स्तर में सुधार और कमजोर छात्रों की मदद के लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने इस बार अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के आयोजन में नई रणनीति अपनाई है। 9 दिसंबर से जिले के 300 से अधिक स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू होंगी। इस नई पहल के तहत परीक्षा समाप्त होने के बाद छात्रों को घर जाने की अनुमति नहीं होगी। इसके बजाय, वे स्कूल में रहकर अगले दिन के प्रश्न-पत्र की तैयारी के लिए विशेष कक्षाओं में भाग लेंगे।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्रों को बेहतर तैयारी का अवसर देना है। परीक्षा के तुरंत बाद उन्हें विषय विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा अगले पेपर के महत्वपूर्ण विषयों और संभावित सवालों के बारे में सिखाया जाएगा। इससे छात्रों की आत्मविश्वास और प्रदर्शन क्षमता में सुधार होगा। शिक्षा विभाग का मानना है कि कई छात्र अक्सर छुट्टियों के दौरान पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिससे उनकी परीक्षा का प्रदर्शन प्रभावित होता है। इस व्यवस्था के जरिए छात्रों को उनके कमजोर विषयों पर काम करने का मौका मिलेगा, जिससे उनके परिणामों में सुधार होगा।
शिक्षा विभाग ने जारी किए सख्त दिशा-निर्देश
परीक्षा के आयोजन और छात्रों की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार, यह पहली बार है जब परीक्षा के बाद की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। विभाग ने यह भी कहा है कि परीक्षा के बाद शिक्षक विशेष सत्र आयोजित करेंगे, जिनमें प्रश्न-पत्र के हर विषय को विस्तार से समझाया जाएगा।
इस तारीख से शुरू होंगी अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं
अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं 9 दिसंबर से शुरू होकर 18 दिसंबर तक चलेंगी। परीक्षा का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक निर्धारित किया गया है। परीक्षा समाप्त होने के बाद दोपहर में विशेष कक्षाएं लगाई जाएंगी। जिले के 300 से अधिक सरकारी और निजी स्कूलों में परीक्षा की तैयारियां जोरों पर हैं। परीक्षा के संचालन के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा प्रश्न-पत्र तैयार किए जा चुके हैं। ये प्रश्न-पत्र सीधे जिला शिक्षा अधिकारी के आधिकारिक ईमेल पर भेजे जाएंगे। प्रत्येक स्कूल को यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्रों को समय पर प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराया जाए।
परीक्षा के बाद अभिभावकों से संवाद
परीक्षा के बाद छात्रों के प्रदर्शन को लेकर 30 दिसंबर को सभी स्कूलों में पालक-शिक्षक बैठक (PTM) का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक में अभिभावकों को छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं दिखाई जाएंगी और उनके बच्चों के प्रदर्शन पर चर्चा की जाएगी। अभिभावकों को यह जानकारी दी जाएगी कि उनके बच्चे किन विषयों में मजबूत हैं और किन विषयों में सुधार की आवश्यकता है।
साथ ही, छात्रों के परीक्षा परिणामों को “विमर्श पोर्टल” पर अपलोड किया जाएगा, जिससे अभिभावक घर बैठे ऑनलाइन भी अपने बच्चों की प्रगति देख सकेंगे।
शिक्षा में बदलाव की नई पहल
परीक्षा के बाद छुट्टी रद्द करने और विशेष कक्षाएं लगाने का यह कदम छात्रों के शैक्षणिक विकास के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे छात्रों को अपनी कमजोरियों को दूर करने का अवसर मिलेगा। परीक्षा के बाद अक्सर छात्रों की छुट्टियों का समय बर्बाद हो जाता था, लेकिन इस नई व्यवस्था से उनकी पढ़ाई को सही दिशा मिलेगी।
शिक्षा विभाग के अधिकारी केशव वर्मा ने कहा कि, “यह पहली बार है जब परीक्षा के बाद छुट्टी रद्द करने और पढ़ाई जारी रखने का फैसला लिया गया है। यह कदम छात्रों के शैक्षणिक स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेगा और उन्हें परीक्षा के प्रति अधिक गंभीर बनाएगा।”
परीक्षाओं के लिए सख्त प्रबंधन
लोक शिक्षण संचालनालय ने परीक्षा के आयोजन को लेकर विशेष प्रबंधन किया है। परीक्षा से संबंधित सभी निर्देश समय-समय पर स्कूल प्रशासन को दिए गए हैं। परीक्षा का आयोजन शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार होगा और उसी के अनुसार पाठ्यक्रम से सवाल पूछे जाएंगे।
छात्रों और अभिभावकों के लिए लाभकारी योजना
परीक्षाओं के बाद आयोजित पालक-शिक्षक बैठक छात्रों और अभिभावकों के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने में मदद करेगी। इससे अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई और उनके प्रदर्शन के बारे में जागरूक हो सकेंगे।
इस पहल से न केवल छात्रों के परिणाम बेहतर होने की उम्मीद है, बल्कि यह शिक्षा के प्रति उनके दृष्टिकोण को भी बदल सकती है।