मोदी सरकार के नये तीन कृषि विधेयकों पर आज पांचवी दौर की वार्ता भी बेनतीजा ख़त्म हो गयी। सरकार ने 9 को अगली बैठक के लिए प्रस्ताव दिया है। केन्द्रीय कृषि मंत्री वही पुराना राग अलाप रहे हैं।
Farmers should keep faith in Modi govt that whatever will be done, it will be in their interest. I want to thank Farmers' unions for maintaining the discipline…Since talks couldn't be completed today, we've called for another meeting on 9th December: Union Agriculture Minister https://t.co/dP1PimfEvf pic.twitter.com/uRIeLj0S8J
— ANI (@ANI) December 5, 2020
#WATCH | हम लोग चाहते थे कि कुछ विषयों पर हमें स्पष्टता से सुझाव मिलें लेकिन बातचीत के दौर से ये संभव नहीं हो सका। कुछ सुझाव मिल जाते तो हमें रास्ता निकालना थोड़ा आसान हो जाता। अभी भी उसका इंतज़ार करेंगे: किसानों के साथ पांचवें दौर की बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री #FarmLaws pic.twitter.com/RmPQZskQWa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 5, 2020
आज की बैठक के बाद ऑल इंडिया किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी हन्नान मोल्ला ने कहा – हमने बैठक के आरम्भ में ही कह दिया था कि हमारी मांग है कि ये कानून वापस लिए जाएं, हम संशोधन नहीं चाहते। हमें 9 को अगली बैठक की पेशकस की। लगता है सरकार ये कानून वापस लेने के मूड में नहीं है।
We said at the beginning of meeting that our demand is withdrawal of laws, don't want amendment. We took a firm stand. Finally we were told that next meeting will be held on Dec 9. It seems govt will definitely roll back the laws: Hannan Mollah, General Secy,All India Kisan Sabha pic.twitter.com/vNCJCagTJj
— ANI (@ANI) December 5, 2020
दोपहर दो बजे से कानूनों पर बीच का रास्ता निकालने के लिए 40 किसान संगठनों के नेता और सरकार के बीच पांचवें दौर बैठक शुरू हुई। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल मौजूद रहे।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश तिकैते ने कहा कि सरकार ड्राफ्ट बनाकर हमें देगी और यह भी कहा गया कि राज्यों के साथ भी एमएसपी पर चर्चा करेगी।
आज केंद्र के साथ पांचवें दौर की वार्ता के दिन भी किसानों ने सरकार का खाना नहीं खाया। किसानों अपने साथ लाये भोजन ही आपस में बाँट कर खाए। याद हों कि यही नज़ारा पिछली बार भी हुआ था। किसानों ने सरकारी खाना तो क्या चाय तक नहीं पी थी।
https://twitter.com/ANI/status/1335171954358153223
आज दिन में ही किसानों ने साफ़ शब्दों में सरकार को कह दिया था कि वे कॉर्पोरेट खेती नहीं करना चाहते। क्योंकि इससे फायदा केवल सरकार को है।
किसानों ने कहा कि उनके पास एक साल का रशद है। किसानों ने कहा कि-हम कई दिनों से सड़कों पर हैं और हमारे पास साल भर का राशन हैं। यदि सरकार यही चाहती हैं कि हम सड़कों पर रहें तो हमें कोई दिक्कत नहीं , हम हिंसा का रास्ता नहीं अपनाएंगे, आपके गुप्तचर एजेंसियां आपको बता देंगी कि हम धरना स्थल पर क्या कर रहे हैं।
We do not want corporate farming. The government will benefit from this law, not the farmer: Farmer leaders to centre during the meeting over Farm laws, earlier today https://t.co/KuBq5ZSOis
— ANI (@ANI) December 5, 2020
आज दिन भर पूरे देश में मोदी सरकार के नये कृषि कानूनों के खिलाफ धरना पर-प्रदर्शन और पुतला दहन हुआ। हर राज्य से अडानी, अम्बानी और मोदी सरकार के पुतले जलाये जाने की ख़बरें आती रहीं। जुलूस निकले गये।
The demand for repeal of anti-farmer farm laws is drawing support from all sections of the society. Resistance to the #AdaniAmbaniCompanyRaj is getting stronger by the day. The whole of India is getting ready for #8DecemberBharatBandh. #TakeBackFarmLaws #StandFirmWithFarmers pic.twitter.com/MUIvyC7d3o
— Dipankar (@Dipankar_cpiml) December 5, 2020
बता दें कि आज की बैठक शुरू होने के वक्त केन्द्रीय मंत्री रामदास आठवले ने फिर केंद्र सरकार और बीजेपी की लाइन को दोहराते हुए कहा कि, किसानों का गलतफहमी में आंदोलन करना सही नहीं है, ये कानून किसानों के हित में हैं। जानबूझकर विपक्ष किसानों को भटका रहा है, सरकार बातचीत कर रही है और कोई न कोई मार्ग निकलेगा।
इधर, पंजाबी अभिनेता और गायक दिलजीत दोसांझ आज किसानों को समर्थन देने सिंधु बॉर्डर पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि, ट्विटर पर चीजों को घुमाया जाता है, मुद्दों को ना भटकाया जाए। हाथ जोड़कर विनती करता हूं, सरकार से भी गुज़ारिश है कि हमारे किसान भाइयों की मांगों को मान ले। यहां सब शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं कोई खून-खराबा नहीं हो रहा है।
वहीं, आज बिलासपुर, उत्तराखंड से आए किसान गाजीपुर बॉर्डर (यूपी-दिल्ली बॉर्डर) पहुंचकर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
वहीं, ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने कुछ किसान प्रदर्शनकारियों को यमुना एक्सप्रेसवे पर हिरासत में लिया। किसान प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेड तोड़कर नोएडा से दिल्ली जा रहे थे।
Greater Noida: A group of protesting farmers detained by police on Yamuna Expressway, while they were attempting to break the barricades in order to come towards Delhi. pic.twitter.com/4ByQNUvm2J
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 5, 2020
इधर,पंजाब, जालंधर से किसान दिल्ली में कृषि क़ानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे किसानों के लिए खाने-पीने की चीजें ले जा रहे हैं। एक किसान प्रदर्शनकारी ने कहा,”कुछ लोग पहले से वहां गए हुए हैं, हम उनके लिए राशन ले जा रहे हैं। जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक संघर्ष जारी रहेगा।”
जमूरी किसान सभा के महासचिव ने कहा कि कनाडा की संसद में पंजाबी सांसदों ने किसान आंदोलन की चर्चा की, बाद में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार को पत्र लिखा-किसानों की मांगें जायज़ हैं, इनको मानना चाहिए। कनाडा की संसद में अगर इसकी चर्चा हो सकती है तो भारत की संसद में चर्चा होने में क्या मुश्किल है?