लॉकडाउन में कैसे बन गए करोड़ों के तालाब!


इन तालाबों के निर्माण की शिकायत ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय के निदेशक से सामाजिक कार्यकर्ता रियाज खान ने की । खान ने इन तालाबों के निर्माणों के समस्त दस्तावेज सूचना के अधिकार के द्वारा निकाले तो विभाग के द्वारा की गई अनियमितता सामने आई।


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इन्दौर Updated On :
प्रतीकात्मक चित्र


धार।  मध्यप्रदेश के धार जिले में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के काम को देखकर फिलहाल  बड़ेअधिकारी हैरान हैं। जब पूरे देश में लॉक डाउन  था उस समय धार जिले की दो पंचायतों में करोड़ों की लागत से तीन तालाबों का निर्माण कर दिया गया।  एक तालाब का निर्माण कार्य 15 मार्च से शुरू हुआ और 21 मार्च को बंद हो गया।  इसके बादे 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और उसके के बाद  लॉक डाउन लागू हो गया।

इसके बाद भी बिना मजदूरों के करोड़ों के तालाब बना दिये गए। इन मशीनों से बने तालाबों की स्वीकृति 25 फरवरी को हुई थी। जिसमें रोल में निस्तार तालाब लागत 74.42 लाख, ग्राम पंचायत चलनी में दो निस्तार तालाब क्रमशः 49.99 ओर 49.98 लाख थी। तीनों तालाबों की कुल लागत 174.39 लाख थी। इनके निर्माण की शिकायत निदेशक ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय से सामाजिक कार्यकर्ता रियाज खान ने की । खान ने इन तालाबों के निर्माणों के समस्त दस्तावेज सूचना के अधिकार के द्वारा निकाले तो विभाग की कारस्तानियों की पोल खुल गई। पूरे निर्माण में महत्वपूर्ण बात यह रही कि तीन मजदूरों ने 6 दिन काम किया तो 90%तालाब कैसे बना दिया। खान ने शिकायत में बताया कि मरोल तालाब में 15 से 21 मार्च तक तीन मजदूरों ने काम किया। आर टी आई से ली गयी जानकारी के आधार पर तीनों मजदूरों को 3168 रुपये का भुगतान किया गया।

वहीं चलनी गांव में निस्तार तालाब बाबू के खेत के पास लागत 49.99 लाख का काम 9 से 15 मार्च तक किया गया, जिसमें 27 मजदूरों के मजदूरी करने की बात बताई गई। जिसका भुगतान 23 हजार 760 रुपये किया गया। तीसरा तालाब दिलीप के खेत के पास 49 लाख का बनना बताया गया है, इसका कार्य भी मात्र 9 से 15 मार्च तक चला। यहां पर 14 श्रमिकों के काम करने का भुगतान 12380 रुपए बताया गया। तीनों तालाबों में सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेज के आधार पर 39,248 रुपए का भुगतान बताया गया। इसके बाद लॉकडाउन लगने के बाद भी तालाब बना दिए गए, शिकायतकर्ता ने बताया कि तीनों तालाबों का निर्माण मशीनों से किया गया है। वहीं जब पूरे मामले में ई.ई.आर.ई.एस से बात की तो उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में इंजीनियर को नोटिस दिया है, जिसमें पूछा गया है कि लॉक डाउन की पाबंदी में 90%निर्माण कार्य कैसे पूरा हुआ।



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