भोपाल की पूर्व सांसद और बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ 2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले में NIA कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया है। यह वारंट उनके बार-बार कोर्ट में अनुपस्थित रहने के कारण जारी किया गया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि साध्वी प्रज्ञा 13 नवंबर तक पेश हों। मामले की अंतिम बहस चल रही है, इसलिए कोर्ट ने उनकी उपस्थिति को अनिवार्य माना है।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अपनी तस्वीर के साथ एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने कहा कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं और कांग्रेस के टॉर्चर ने उनके जीवनभर के लिए कठिनाइयाँ बढ़ा दी हैं। उन्होंने लिखा, “असंतुलित स्टेरॉयड और न्यूरो की दवाओं से पूरे शरीर में सूजन है और अस्पताल में इलाज चल रहा है। अगर जिंदा रही तो कोर्ट अवश्य जाऊंगी।”
जमानती वारंट का कारण: कोर्ट में पेशियों से अनुपस्थिति
साध्वी प्रज्ञा के वकील जेपी मिश्रा ने उनके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कोर्ट से पेशी में छूट की अपील की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने तर्क दिया कि मामले की अंतिम बहस जारी है और उनकी उपस्थिति जरूरी है। मार्च में भी उनके खिलाफ इसी प्रकार का वारंट जारी हो चुका है।
मालेगांव ब्लास्ट मामले में प्रमुख आरोपी
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर मालेगांव बम धमाके मामले में प्रमुख आरोपियों में से एक हैं। इस मामले को लेकर उन्होंने कई बार स्वास्थ्य का हवाला देकर पेशी से छूट मांगी है, लेकिन कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उनकी उपस्थिति को अनिवार्य करार दिया है।