दिवाली पर रजिस्ट्री कार्यालय रहा ठंडा; 120 दस्तावेजों से 1.57 करोड़ का राजस्व प्राप्त


धार के पंजीयक विभाग में इस दिवाली पर केवल 120 दस्तावेजों से 1.57 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जो पिछले साल की तुलना में कम है। बढ़ती कीमतों और छोटी रजिस्ट्रियों के कारण इस बार बाजार में लोगों का रुझान कम रहा। सोने-चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते लोगों ने संपत्ति में निवेश को प्राथमिकता दी, जिससे प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रियों में हल्की बढ़त देखी गई।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

इस बार दीपावली के त्योहार पर मध्यप्रदेश के रजिस्ट्री कार्यालय में राजस्व की रौनक कम देखने को मिली है। पिछले साल की तुलना में इस बार 120 दस्तावेजों पर केवल 1.57 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि पिछले वर्ष दीपावली पर 72 दस्तावेजों से 2.24 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। आमतौर पर, इस सीजन में जमीन की खरीदी-बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिलता है, लेकिन इस वर्ष स्थिति कुछ भिन्न रही है।

 

बढ़ती कीमतों के कारण, बाजार में लोगों का रुझान कम रहा। छोटे रजिस्ट्रियों के दस्तावेजों की खरीदारी अधिक हुई। पिछले कुछ समय से प्रॉपर्टी खरीदारों और विक्रेताओं के बीच कीमतों में वृद्धि का असर देखा गया, जिसके चलते अधिकांश रजिस्ट्री नवरात्रि के दौरान ही शुरू हो गई थी। खासकर, लोग नवरात्रि में नए मकान के साथ ग्रह प्रवेश करते हैं, जिसके चलते इस बार नवरात्रि में 903 दस्तावेजों की पंजीकरण हुई।

 

सोने-चांदी की बढ़ती कीमतें:

त्योहारी सीजन में सोने और चांदी की कीमतों में वृद्धि होने के कारण लोग आवश्यकता के अनुसार ही आभूषण खरीदने में सावधानी बरत रहे हैं। इसके अलावा, वाहनों की खरीदी के साथ-साथ प्रॉपर्टी में निवेश को लेकर भी थोड़ी उत्सुकता बढ़ी है। प्रॉपर्टी में निवेश में जोखिम कम और लाभ अधिक होता है। बैंकों में कम ब्याज मिलने से भी लोग अब जमीन और प्लॉट खरीदने पर जोर दे रहे हैं।

 

पंजीकरण के आंकड़े:

जिला पंजीयक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले पांच वर्षों की तुलना में इस साल 29 अक्टूबर तक 22,096 दस्तावेजों की रजिस्ट्रियां हुई हैं। इससे विभाग को इस अक्टूबर तक 137 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है। हालांकि, दीपावली पर शुभ मुहूर्त में रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया पहले की अपेक्षा कम देखी गई है।

 

रजिस्ट्री के खर्च में वृद्धि:

शहर के कई पॉश कॉलोनियों में जमीन के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं, जिसके चलते निवेशकों ने प्लॉट बुकिंग जारी रखी है। खासकर, इंदौर-अहमदाबाद फोरलेन से जुड़ी जमीन भी महंगी हो गई है। तिरला, धार-अनारद, तोरनोद रोड, पीथमपुर, घाटाबिल्लौद, बदनावर, धामनोद, मनावर, और कुक्षी में भी रजिस्ट्री का खर्च बढ़ गया है।

 

आगे की संभावनाएं:

जिला पंजीयक प्रभात वाजपेयी ने बताया कि इस बार दस्तावेजों की संख्या अधिक रही है, लेकिन राजस्व कम मिला है। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष भी राजस्व का आंकड़ा बढ़ा है। अगर पिछले साल के अक्टूबर में प्राप्त राजस्व की तुलना की जाए, तो इस बार भी विभाग ने अपने लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्त किया है। आने वाले महीनों में इस राशि में और भी वृद्धि की संभावना है।

 

पिछले पांच सालों का राजस्व:

 

  • 2019-20: 18,519 दस्तावेज – 126 करोड़ रुपये
  • 2020-21: 25,856 दस्तावेज – 184 करोड़ रुपये
  • 2021-22: 27,687 दस्तावेज – 194 करोड़ रुपये
  • 2022-23: 32,759 दस्तावेज – 222 करोड़ रुपये
  • 2023-24: 37,598 दस्तावेज – 215 करोड़ रुपये
  • 2024-25: 22,096 दस्तावेज – 137 करोड़ रुपये (चालू वर्ष)

 

इस बार दिवाली के मौके पर पंजीयक विभाग की गतिविधियों में कमी देखने को मिली है, लेकिन भविष्य में सुधार की उम्मीद बरकरार है।

 



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