धार जिले में आधुनिक समय के साथ चलते हुए, लोगों ने सौर ऊर्जा को अपनाने की ओर अग्रसर होने का निर्णय लिया है। इस पहल के तहत, न केवल घरेलू बिजली की खपत कम हो रही है, बल्कि ऊर्जा निर्भरता भी घट रही है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त योजना के तहत, जिले के आम व्यक्ति को छत पर सोलर रूफ टॉप संयंत्र स्थापित करने की सुविधा प्रदान की गई है। धार जिले में इस दीपावली पर ‘सौर ऊर्जा दीपावली’ पहल के तहत 91 घरों ने अपनी छतों पर सोलर पैनल लगवाए, जिससे उनकी बिजली खपत में कमी आई है।
योजना के अनुसार, जिला मुख्यालय सहित सभी सरकारी दफ्तरों पर भी सोलर यूनिट की स्थापना की जा रही है। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने धार के सभी विभागों को इस दिशा में आवश्यक जानकारी प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिए हैं।
केंद्र सरकार की ओर से सौर ऊर्जा अपनाने की पहल के तहत आर्थिक सहायता के रूप में सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। प्रति किलोवाट 18 हजार रुपए तक की सब्सिडी का प्रावधान है, जिससे एक सोलर यूनिट के लगवाने में औसतन 1 लाख 80 हजार रुपए तक का खर्च आता है। इस यूनिट से प्रति माह औसतन 350 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। घर में 200 से 250 यूनिट बिजली खर्च होने पर भी, शेष बिजली ग्रिड को जाती है और इसके बदले में व्यक्ति को आर्थिक लाभ मिलता है।
मध्य प्रदेश में फिलहाल 25.29 गीगावॉट की कुल ऊर्जा उत्पादन क्षमता है, जिसमें 21 प्रतिशत ऊर्जा अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से प्राप्त होती है। प्रदेश में 1.70 गीगावॉट क्षमता की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, जिनमें सोलर, पवन और हाइब्रिड परियोजनाएं शामिल हैं। इस प्रकार, सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता और सरकारी सहायता के बढ़ते कदमों से मध्य प्रदेश में ऊर्जा की स्थिति में सुधार हो रहा है और लोग इस दिशा में अधिक सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।