मध्य प्रदेश उपचुनाव: शिवराज सिंह के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान के विवादित बयान पर गरमा रही सियासत


मध्य प्रदेश उपचुनाव में बीजेपी नेता कार्तिकेय सिंह चौहान का बयान विवादों में घिर गया है। बुधनी में प्रचार के दौरान उन्होंने मतदाताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यहां कांग्रेस का विधायक चुना गया तो “किसी के गांव में एक ईंट भी नहीं लगेगी।” कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस पर पलटवार करते हुए कार्तिकेय को लोकतंत्र के मूल्यों को समझने और संयम बरतने की सलाह दी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकार और विपक्ष मिलकर काम करते हैं, और कार्तिकेय को अपने पिता शिवराज सिंह चौहान से सीख लेनी चाहिए।


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कार्तिकेय सिंह चौहान के भाषण से गरमाई सियासत

मध्य प्रदेश में हो रहे उपचुनाव के प्रचार के दौरान बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान के एक बयान से सियासी हलचल मच गई है। बुधनी विधानसभा सीट पर प्रचार के दौरान कार्तिकेय ने मतदाताओं को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि यहां गलती से कांग्रेस का विधायक चुना गया, तो “किसी के गांव में एक ईंट भी नहीं लगेगी।”

इस बयान के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कार्तिकेय को संयम बरतने की सलाह दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, “कार्तिकेय, ऐसी भाषा का इस्तेमाल न करें। लोकतंत्र में विपक्ष और सत्ता पक्ष, दोनों का दायित्व है कि मिलकर देश का निर्माण करें। मैं खुद 10 साल तक मुख्यमंत्री रहा लेकिन कभी ऐसी भाषा नहीं अपनाई।”

दिग्विजय सिंह ने पंचायत राज कानून का हवाला देते हुए कहा कि निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी सरपंच की होती है, न कि विधायक की, और यह समझाया कि “आप ना सरपंच हैं, ना विधायक।” उन्होंने कार्तिकेय को यह भी याद दिलाया कि शिवराज सिंह चौहान से सीखने की जरूरत है और कहा, “यह मेरी राय है, आप मानें या ना मानें।”

कार्तिकेय सिंह चौहान के भाषण से गरमाई सियासत

वीडियो में कार्तिकेय कहते दिख रहे हैं, “अगर चुनाव में थोड़ी भी चूक हुई तो सोचिए कि किसका नुकसान होगा। हम अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी क्यों मारें? अपने मुख्यमंत्री या कृषि मंत्री के पास काम कराने के लिए जाना होगा, तो क्या हम कांग्रेस के विधायक के साथ ऐसा कर पाएंगे?”

बुधनी सीट पर इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प है। कांग्रेस ने अपने कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपी की ओर से रमाकांत भार्गव प्रत्याशी हैं। वहीं, पार्टी के अंदरखाने भी असंतोष उभर रहा है। पूर्व विधायक राजेंद्र राजपूत, जो खुद टिकट के दावेदार थे, नाराज होकर पार्टी की बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं। इस स्थिति ने भाजपा की चिंता को बढ़ा दिया है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी पटेल के पक्ष में माहौल सकारात्मक होता नजर आ रहा है।

 



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