किसान आन्दोलन की रिपोर्टिंग के बहाने अफवाह फ़ैलाने और गलत सूचनाये प्रसारित करने की शिकायतों और विरोध के बाद एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने एक जरुरी कदम उठाते हुए किसान आन्दोलन से जुड़ी रिपोर्टिंग पर एक एडवाइजरी जारी किया है।
The Editors Guild of India has issued a Media Advisory on the news coverage of the ongoing farmers' protests in the national capital. pic.twitter.com/wwuKTWwW0h
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) December 4, 2020
गिल्ड द्वारा जारी इस एडवाइजरी में कहा गया है कि, एडिटर्स गिल्ड किसान आन्दोलन से जुड़ी रिपोर्टिंग के तरीकों को लेकर चिंतित है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में किसानों के आन्दोलन के बारे मीडिया का एक हिस्सा इसे कभी ‘खालिस्तान’ और ‘देशद्रोह’ जैसे शब्दों के साथ जोड़कर बिना किसी सबूत या साक्ष्य के भ्रम फैलाकर इसे बदनाम करने की कोशिश में लगा है। इस तरह की हरकत मीडिया के असूलों और एथिक्स के खिलाफ है। यह पत्रकारिता की नैतिकता को चोट पहुंचता है। ऐसी हरकतें मीडिया की विश्वसनीयता के साथ धोखा है।
एडिटर्स गिल्ड ने एडवाइजरी में कहा है कि मीडिया संस्थानों को किसानों के विरोध करने के संवैधानिक अधिकार का हनन किये बिना निष्पक्ष, सही, तथ्यात्मक और संतुलित रिपोर्टिंग करनी चाहिए। किसी की वेशभूषा और उसके खानपान और चेहरा देख कर मीडिया को अपनी ओर से किसी भी तरह की कहानी गढ़ने से बचना चाहिए।