सितंबर में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खाद की कालाबाजारी और नकली खाद बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ऐसे मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की घोषणा की थी, जिससे किसानों को राहत मिलने की उम्मीद थी। लेकिन इंदौर जिले के एक मामले को देखें तो ये मुख्यमंत्री के नियम खाद की कालाबाजारी या चोरी करने के किसी ऐसे आरोपी पर लागू नहीं होते जो भाजपा से संबंधित हो।
महू तहसील के मानपुर के खुर्दी गांव में एक ताजातरीन घटना ने सीएम मोहन यादव की इस सख्ती और दावे पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस के नेता अब इस मामले में बड़े पुलिस अधिकारियों से मिलकर कार्रवाई की मांग करने वाले हैं।
बीते बुधवार को नायब तहसीलदार नागेंद्र त्रिपाठी ने खुर्दी गांव में एक दुकान पर छापा मारा, जहां 259 बोरी नकली खाद बरामद की गई। मौके पर कार्रवाई करते हुए दुकान को तुरंत सील कर दिया गया। यह कार्रवाई सरकार की तरफ से किसानों को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा था। परंतु, कुछ ही घंटों के भीतर इस कार्रवाई की गंभीरता सवालों में आ गई, जब दो भाजपा नेताओं पर जब्त की गई खाद के भण्डारगृह की सील तोड़कर 219 बोरी नकली खाद चुराने का आरोप लगा। जानकारी के मुताबिक यह घटना सीसीटीवी में भी कैद हुई है।
नायब तहसीलदार के अनुसार, नगर परिषद अध्यक्ष के पति पवन यादव और भाजपा पार्षद पति लालू मित्तल ने रात के समय दुकान का ताला तोड़ा और नकली खाद की बोरियां निकाल लीं। जब तहसीलदार को इस घटना की सूचना मिली, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया।
पुलिस ने दोनों नेताओं के खिलाफ चोरी और अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया, लेकिन अचरज इस बात का है कि जो पुलिस मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद आरोपियों पर रासुका लगाने को तैयार बैठी थी वो इस मामले में गिरफ्तारी भी नहीं कर रही है।
सरकार की सख्ती के बावजूद ढिलाई?
पुलिस की इस शिथिलता पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी के लोग मुखर हैं। पिछले दिनों कांग्रेस ने महू के एएसपी के दफ्तर जाकर भी कार्रवाई की मांग की थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब एक बार फिर कांग्रेस इस मुद्दे को और आगे लेकर जाना चाहती है। हालांकि यह समझना मश्किल नहीं कि पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है लेकिन इसके लिए नियम कानून के पालन को लेकर मुख्यमंत्री के दावों को भी पुलिस द्वारा परे रखना अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठाता है।
कांग्रेसियों का कहना है कि सत्तारूढ़ दल के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई न करने से यह साफ जाहिर हो रहा है कि भाजपा के नेताओं को खुला संरक्षण मिल रहा है और खुद भाजपा नेता ही इसे निर्देशित कर रहे हैं।
जांच जारी, लेकिन गिरफ्तारी नहीं
अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, और दोषियों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अब तक की निष्क्रियता ने किसानों और आम जनता के बीच निराशा पैदा कर रही है। नकली खाद की कालाबाजारी से किसान पहले से ही परेशान हैं, और ऐसे मामलों में सख्त कदम न उठाना उनकी समस्याओं को और बढ़ा रहा है।