लगातार सात घंटे तक चली किसान संगठनों के नुमाइंदों और कृषि मंत्री की वार्ता आज भी बेनतीजा समाप्त हो गयी और अगली तारीख दे दी गयी। दोनों पक्ष अब परसों यानी 5 दिसम्बर को फिर बैठेंगे। उस दिन किसान संगठनों ने देश भर में कृषि कानूनों का पुतला फूंकने का आह्वान किया है।
In the new Act, it has been provided that farmers can take their grievances to SDM court. Farmers' Unions feel that SDM court is a lower court and they should be allowed to go the court. Govt will consider this demand: Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/nrRxvy4wOi pic.twitter.com/oKvzTI3ztk
— ANI (@ANI) December 3, 2020
We are hopeful. The laws are wrong. In the next meeting, we will put pressure on the government. They will have to say that they will take back the laws. In my opinion, it will be finalised in the meeting day after tomorrow: Harjinder Singh Tanda, Azaad Kisan Sangharsh Committee https://t.co/hM9GOKT5Zk
— ANI (@ANI) December 3, 2020
बैठक के दौरान आज सबसे दिलचस्प घटनाक्रम ये रहा कि किसान नेताओं ने सरकारी भोजन लेने से इनकार कर दिया और विज्ञान भवन में फर्श पर बैठकर अपने धरनास्थल से लाया भोजन खाया। तस्वीर में हरियाणा के किसान नेता भारतीय किसान यूनियन के गुरनाम सिंह चढ़ूनी को देख जा सकता है।
इस बार भी बैठक में वही 35 नेता शामिल हुए जो 1 दिसंबर की वार्ता में मौजूद थे। बुधवार की शाम संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी एक पत्र में सरकार से कहा गया था कि वह किसान संगठनों को वार्ता के लिए अपने नुमाइंदे चुनने की छूट दे। देर शाम सिंघू बॉर्डर पर हुई प्रेस कान्फ्रेंस में योगेंद्र यादव की मौजूदगी से इस बात की संभावना प्रबल थी कि आज की बैठक में वे भी शामिल होंगे।
सूचना है कि सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने की बात कही है, हालांकि कुछ भी नतीजे के तौर पर अभी नहीं निकला है।
The issue is about the complete roll back of laws. Not only one but discussions will also be held on several issues. Farmers want that the laws be taken back. Government wants to talk about MSP and amendment to the Acts: Rakesh Tikait, Spokesperson, Bharatiya Kisan Union https://t.co/xKJX6ZqzRX
— ANI (@ANI) December 3, 2020
इस बीच टीकरी बॉर्डर से सूचना है कि वहां रैपिड ऐक्शन फोर्स के वाहन देखे गये हैं। टीकरी बॉर्डर पर शाम को जींद जिले से आए किसानों ने जमकर नारेबाज़ी की है। खाप पंचायतों के लोगों के वहां पहुंचने से हलचल बढ़ी है।
मोदी सरकार का प्लान #कायराना किसी भी समय शुरू हो सकता है
RAF की कई गाड़ियां टिकरी बार्डर पर भेजी गयी pic.twitter.com/5ZZevBcecU— अनूप सिंह चानौत (@AnoopChanot) December 3, 2020
(साभार:जनपथ)