राजवाड़ा के संरक्षण की मांग को लेकर नगर पालिका ने प्रशासन को दिया ज्ञापन


धार नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षदों ने राजवाड़ा की तोड़फोड़ रोकने और इसे संरक्षित करने की मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। प्रशासन ने ज्ञापन के बाद तोड़फोड़ का काम रुकवा दिया है।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

शहर के बीच स्थित ऐतिहासिक धरोहर राजवाड़ा को लेकर धार नगर पालिका अध्यक्ष नेहा महेश बोड़ाने और पार्षदों ने मिलकर एसडीएम रोशनी पाटीदार को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने राजवाड़ा और बड़े बंगले की तोड़फोड़ पर रोक लगाने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया कि यह ऐतिहासिक धरोहरें धार की शान हैं और राज्य संरक्षित स्थान घोषित कर इन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि पिछले दिनों कुछ मकान मालिकों द्वारा अपने जर्जर भवनों को तोड़ा गया, जिसके बाद प्रशासन ने राजवाड़ा का भी एक हिस्सा गिरा दिया था। नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षदों ने इस कार्य को रुकवाने की मांग करते हुए कहा कि राजवाड़ा का संरक्षण जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ियां इस गौरवशाली इतिहास को जान सकें।

 

300 साल पुरानी धरोहर

धार का राजवाड़ा लगभग 300 वर्षों पुरानी पवार राजवंश की धरोहर है। यह इमारत न केवल धार की आन-बान-शान का प्रतीक है, बल्कि यह शहर के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा कि इस धरोहर को संरक्षित करने की जिम्मेदारी प्रशासन की है, ताकि इसका संरक्षण हो सके और इसे संग्रहालय में परिवर्तित कर आम जनता और पर्यटकों के लिए खोला जा सके।

 

राजवाड़ा की जमीन बेचने की कोशिशें

ज्ञापन में बताया गया कि राजवाड़ा के पिछले हिस्से की जमीन को भू-व्यवसायियों द्वारा व्यावसायिक उपयोग के लिए बेच दिया गया है, और अब आगे के हिस्से को भी बेचने की योजना है। इंदौर के राजवाड़ा के उदाहरण को सामने रखते हुए नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा कि इंदौर की जनता और प्रशासन ने मिलकर वहां की धरोहर को संरक्षित किया है, और धार का राजवाड़ा भी इसी प्रकार संरक्षित होना चाहिए।

 

कार्य पर रोक लगाने का आदेश

एसडीएम रोशनी पाटीदार ने बताया कि नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षदों के ज्ञापन के बाद राजवाड़ा पर हो रही तोड़फोड़ को रुकवा दिया गया है। ज्ञापन सौंपने के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष नेहा महेश बोड़ाने के साथ उपाध्यक्ष मयंक महाले, पार्षद सुमित्रा संजय मकवाना, छगनलाल परमार, विशाल सिसोदिया और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

 

राजवाड़ा के भविष्य पर विचार

ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि राजवाड़ा को राज्य संरक्षित धरोहर घोषित कर इसे संरक्षित किया जाए। साथ ही इसके जीर्णोद्धार के लिए सीएसआर फंड का उपयोग किया जाए, ताकि यह ऐतिहासिक इमारत अपनी पुरानी शान वापस पा सके और धार के इतिहास से जुड़ी चीजों का संग्रहालय यहां स्थापित हो सके।

 



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