जिले में आदिवासी इलाकों को बेहतर कनेक्टिविटी और रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से रेलवे का काम तेजी से किया जा रहा है। इस कड़ी में, केंद्रीय राज्यमंत्री और धार की सांसद सावित्री ठाकुर ने शनिवार को धार विधायक नीना वर्मा के साथ पश्चिम रेलवे की सबसे बड़ी टनल का निरीक्षण किया। यह टनल 75 फीट गहराई में भूतल के नीचे स्थित है और लगभग 250 करोड़ की लागत से बनाई जा रही है।
इस अवसर पर अधिकारियों ने मंत्री ठाकुर को 3 किलोमीटर लंबी इस टनल की प्रमुख विशेषताओं और निर्माण के दौरान आई चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने टनल के अंतिम चरण के कार्यों की भी विस्तृत जानकारी दी।
2008 से शुरू हुआ टनल निर्माण
केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर ने बताया कि 2008 में इस टनल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, लेकिन विभिन्न कारणों से बीच में यह रुक गया। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसे पुनः गति मिली और तब से लगातार काम चल रहा है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी थोड़े समय के लिए काम बंद रहा, लेकिन सरकार द्वारा बजट मुहैया कराए जाने के बाद इसे तेजी से आगे बढ़ाया गया। ठाकुर ने कहा कि यह टनल प्रधानमंत्री के विकसित भारत की परिकल्पना का जीवंत उदाहरण है।
2025 तक रेल सेवा शुरू होने की उम्मीद
मंत्री ठाकुर ने बताया कि टनल का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और 2025 तक इंदौर-धार-दाहोद रेल सेवा शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए रेलवे प्रशासन और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही इस टनल का उद्घाटन होगा।
कर्मचारियों की मेहनत लाई रंग
धार विधायक नीना वर्मा ने भी टनल निर्माण में जुटे कर्मचारियों का उत्साहवर्धन किया और उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण का ही नतीजा है कि आज धार जिले में रेलवे की यह सुविधा साकार हो रही है। केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने भी सभी कर्मचारियों और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करते हुए उनकी सराहना की।
टनल निरीक्षण के दौरान पश्चिम रेलवे के डिप्टी इंजीनियर दिनेश मीणा, एक्सीक्यूटिव इंजीनियर रीमा अग्रवाल, सीनियर सेक्शन इंजीनियर मनीष कुमार सहित कई अन्य अधिकारी और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित रहे।