नई दिल्ली। नये कृषि कानूनों के खिलाफ आन्दोलन पर उतरे किसानों के दिल्ली मार्च की राह में कंटीली तार, बैरिकेड्स, पानी के बौछार और आंसू गैस के गोले फेंकने से लेकर सैकड़ों गिरफ़्तारी और किसानों पर झूठे मुकदमों पर लंबी ख़ामोशी को तोड़ते आज जब केंद्र सरकार और किसान यूनियनों की बीच चौथे दौर की बातचीत होने जा रही है किसान आंदोलन अपने चरम पर पहुंच चुका है ऐसे में हरियाणा में बीजेपी की सहयोगी जेजेपी की ओर से एक बड़ा बयान आया है। पार्टी ने कहा है कि हरियाणा सरकार में दुष्यंत चौटाला के उपमुख्यमंत्री रहते हुए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसी तरह की आंच नहीं आने दी जाएगी। अगर, किसानों को एमएसपी पर नुकसान हुआ तो फिर दुष्यंत चौटाला पद से इस्तीफा दे देंगे। जेजेपी ने केंद्र सरकार से आंदोलनरत किसानों की एमएसपी आदि से जुड़ीं मांगों का जल्द हल निकालने को कहा है।
#FarmersProtests: Till party chief #DushyantChautala (@Dchautala) is Dy CM of the state,he won't let the minimum support price (#MSP) be discontinued,said a party spokesperson.
It has also asked the Centre to resolve the demands of the farmers related to MSP as soon as possible. pic.twitter.com/ppXawdd5uh
— IANS (@ians_india) December 2, 2020
जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रतीक सोम ने कहा-“हम किसानों से कहना चाहते हैं कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के चंडीगढ़(राजधानी) में रहते हुए एमएसपी पर किसी तरह की आंच नहीं आएगी। बावजूद इसके अगर किसानों को एमएसपी को लेकर किसी तरह का नुकसान होता दिखा तो पहला इस्तीफा दुष्यंत चौटाला का होगा। जेजेपी हमेशा किसानों के साथ खड़ी रहने वाली पार्टी है।”
प्रतीक सोम ने कहा, ‘चौधरी देवीलाल की विचारधारा वाली जेजेपी एक प्रो-फॉर्मर पार्टी है। जेजेपी ने केंद्र सरकार से किसानों की सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की मांग की है। एमएसपी पर सरकार से ठोस आश्वासन मिलना जरूरी है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार किसानों से बातचीत कर मुद्दों को सुलझाएगी। जिससे गतिरोध दूर हो सकेगा।’
बता दें कि, इससे पहले जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला केंद्र सरकार से एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग पर केंद्र को विचार करते हुए जल्द हल निकालना चाहिए। एमएसपी को एक्ट में शामिल करने पर केंद्र को विचार करना चाहिए।
बता दें कि, इससे पहले दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने किसान आन्दोलन का समर्थन करते हुए खट्टर सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं।
Haryana: Independent MLA Sombir Sangwan withdraws his support from the Khattar led-Harayana govt
"In light of the atrocities committed on the farmers, I hereby withdraw my support to the current govt," he says, while in Charkhi Dadri pic.twitter.com/QhYgvSxRFd
— ANI (@ANI) December 1, 2020
जेजेपी के ज्यादातर मतदाता जाट और किसान माने जाते हैं। किसान आंदोलन के कारण एनडीए सहयोगी जेजेपी पर काफी दबाव है। पार्टी अपने कोर वोटर्स को नाराज नहीं करना चाहती। यही वजह है कि हरियाणा में किसानों के विरोध-प्रदर्शन को पार्टी के नेता समर्थन दे चुके हैं। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला आश्वासन दे चुके हैं कि उनके रहते किसानों के हितों पर आंच नहीं आने दी जाएगी। हरियाणा में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बहुमत से बीजेपी के चूक जाने पर जेजेपी के दस विधायकों के समर्थन से मनोहर लाल खट्टर की सरकार चल रही है।