भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद और चर्चित अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा किसानों के खिलाफ दिए गए विवादित बयान को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कड़ी निंदा की है। एसकेएम ने कंगना की टिप्पणियों को अपमानजनक और तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए उनसे बिना शर्त माफी मांगने की मांग की है। मोर्चा ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कंगना माफी नहीं मांगती हैं, तो किसान उनके सार्वजनिक बहिष्कार पर मजबूर हो सकते हैं।
किसानों के प्रति अपमानजनक टिप्पणियाँ
एक हालिया साक्षात्कार में कंगना रनौत ने किसानों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए, जिसमें उन्होंने किसानों को “हत्यारा, बलात्कारी, षड्यंत्रकारी और देशद्रोही” कहा। एसकेएम ने इस बयान को न केवल चौंकाने वाला बल्कि अत्यंत निंदनीय बताया है। मोर्चा का कहना है कि यह भाजपा की पुरानी रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह किसानों के आंदोलनों को बदनाम करने की कोशिश करती रही है।
प्रधानमंत्री से भी माफी की मांग
एसकेएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की है कि वे अपनी पार्टी की सांसद के इस बयान के लिए किसानों से माफी मांगें। मोर्चा ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी पार्टी के नेता और सदस्य देश के किसानों का सम्मान करें। यह उनके संवैधानिक कर्तव्य का हिस्सा है और देश के लोग उनसे यही उम्मीद करते हैं।
किसान आंदोलन का इतिहास और बलिदान
एसकेएम ने कंगना को याद दिलाया कि किसान आंदोलन एक ऐतिहासिक और शांतिपूर्ण संघर्ष रहा है, जिसमें 736 किसानों ने अपनी जान गंवाई है। लखीमपुर खीरी में हुई घटना का भी जिक्र किया गया, जहां चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हुई थी। एसकेएम ने जोर देकर कहा कि यह आंदोलन ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ भारतीयों के संघर्ष का वारिस है और इसे राष्ट्रविरोधी कहने से पहले कंगना को इसके इतिहास और राजनीति को समझना चाहिए।
एसकेएम ने कंगना रनौत से तुरंत बिना शर्त माफी की मांग की है और कहा है कि यदि वह ऐसा नहीं करती हैं, तो मोर्चा उनके सार्वजनिक बहिष्कार की अपील करेगा। मोर्चा ने कहा कि कंगना को अपने पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए और भारत के किसानों का अपमान नहीं करना चाहिए।