एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा (एमएसपी जीकेएम) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाने की अपील की है। बुधवार को दिल्ली के गुरुद्वारा श्री रकाबगंज साहिब में आयोजित एक बैठक में देशभर के 26 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आए 250 से अधिक किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे पर चर्चा की और मोर्चा की तरफ से यह पत्र जारी किया गया।
इस पत्र में एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वे आगामी संसद सत्र में एमएसपी गारंटी कानून का बिल पेश करें और इसे पारित करवाने के लिए प्रयास करें। इसी तरह, राहुल गांधी से अपील की गई है कि वे केंद्र सरकार पर इस दिशा में कदम उठाने का दबाव डालें और इंडिया गठबंधन के शासित राज्यों में इस कानून को लागू करने की प्रक्रिया शुरू करें।
मोर्चा के अध्यक्ष वी एम सिंह ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि 2011 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने खुद एमएसपी गारंटी कानून की सिफारिश की थी। अब, जब वे प्रधानमंत्री हैं, तो उनके लिए इस कानून को लागू करना एक नैतिक जिम्मेदारी है।
राहुल गांधी को भेजे गए पत्र में, वी एम सिंह ने किसानों की वर्तमान स्थिति को सुधारने के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह वही किसान हैं जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान देश को भोजन की आपूर्ति की थी, और अब उनके लिए कानूनी गारंटी के रूप में समर्थन मूल्य सुनिश्चित करना आवश्यक है।
पत्र में यह भी कहा गया कि एमएसपी गारंटी से किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपये से अधिक का अतिरिक्त लाभ होगा, जिससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी और सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
वी एम सिंह ने यह भी सवाल उठाया कि जब सरकार उद्योगपतियों और चीनी मिल मालिकों के लिए एमएसपी गारंटी दे सकती है, तो किसानों को यह सुरक्षा क्यों नहीं मिल सकती? उन्होंने तर्क दिया कि किसानों को उनकी उपज के लिए कानूनी गारंटी देने से न केवल उनका भविष्य सुरक्षित होगा, बल्कि यह कदम देश की आर्थिक संरचना को भी मजबूती देगा।