जर्जर भवन में पंचायत संचालन की मजबूरी, नए भवन की मांग उठी


सकतली गांव में 32 साल पुराना पंचायत भवन जर्जर हो चुका है, जिससे पंचायत संचालन मुश्किल हो रहा है। नया भवन बनाने की मांग की जा रही है, ताकि सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की जा सके।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

जिला मुख्यालय से महज 11 किलोमीटर दूर स्थित सकतली गांव में पंचायत भवन की हालत बेहद खस्ता हो चुकी है। सरपंच और ग्रामीण लंबे समय से नए भवन की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 32 साल पुराने इस भवन में पंचायत संचालन करना अब मुश्किल हो गया है, क्योंकि छत से प्लास्टर गिरता रहता है और बारिश का पानी अंदर टपकता है।

 

सरपंच और सचिव की चिंताएं:  

पंचायत भवन की खराब स्थिति के कारण सरपंच और सचिव वहां बैठने से कतराने लगे हैं। उन्हें डर है कि किसी दिन यह जर्जर भवन बड़ा हादसा न कर दे। सरपंच ईश्वर लववंशी ने बताया कि वे इस समस्या को लेकर विभागों में जाकर बजट की मांग कर रहे हैं और भवन की रिपेयरिंग के लिए प्रयासरत हैं। मगर नया भवन मिलने से पंचायत कर्मियों और ग्रामीणों को राहत मिल सकेगी।

 

1992 में बनाया गया था भवन:  

यह पंचायत भवन 1992 में बनाया गया था, लेकिन तब से अब तक इसकी मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। इस भवन का निर्माण नन्दराम यादव के सरपंची के दौरान किया गया था। स्थानीय लोगों और पंचायत के सहयोग से इस भवन का निर्माण हुआ था, जिसमें दो कमरे बने थे। लेकिन निर्माण के बाद से ही इस भवन की स्थिति बदतर होती चली गई और अब यह पूरी तरह से जर्जर हो चुका है।

 

स्थानीय निवासियों का डर:  

स्थानीय निवासियों को इस भवन में जाने से डर लगता है, खासकर बारिश के समय, जब पूरा पानी भवन के अंदर ही गिरता है। पिछले दिनों बाहरी छत का एक हिस्सा भी गिर चुका है, जिससे पास में खेल रहे बच्चे बाल-बाल बचे। ग्रामीणों का कहना है कि समय रहते अगर भवन की मरम्मत नहीं की गई तो बड़ा हादसा हो सकता है।

 

बारिश में पंचायत का कामकाज ठप:  

तेज बारिश के दौरान पंचायत भवन बंद रहता है, क्योंकि अंदर बैठने की जगह नहीं होती। सरपंच प्रतिनिधि ईश्वर लववंशी ने बताया कि वे बारिश के दिनों में मंदिर के पास बैठकर जनता के काम करते हैं। पुराने भवन के कारण यह समस्या लगातार बनी हुई है।

 

नए भवन की मांग:

सरपंच प्रतिनिधि ईश्वर लववंशी ने कहा कि पंचायत भवन की स्थिति को देखते हुए जल्द ही नया भवन बनाने का एस्टीमेट तैयार किया जाएगा। जनपद के अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराकर नए भवन की मांग की जाएगी। मंजूरी मिलते ही भवन का निर्माण शुरू किया जाएगा।

 

 



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