धार जिले की सरदारपुर तहसील में पदस्थ वन रक्षक रूपेश चौहान (32) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना उनके शासकीय आवास परिसर में हुई, जहां चौकीदार ने जब उन्हें आवाज दी और कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तब उसने अधिकारियों को सूचित किया। पुलिस को बुलाया गया, जिन्होंने खिड़की के सरिये को काटकर घर में प्रवेश किया। रूपेश को पंखे से लटका हुआ पाया गया और उनकी लाश को नीचे उतारकर अस्पताल भेजा गया।
घटनास्थल से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें रूपेश ने शेयर बाजार में हुए नुकसान और कर्ज बढ़ने के कारण आत्महत्या करने की बात लिखी थी। शुक्रवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
रूपेश कुछ समय पहले मांडू क्षेत्र में अवैध लकड़ी कटाई के मामले में सस्पेंड हो चुके थे, लेकिन बाद में उन्हें बहाल कर सरदारपुर में तैनात किया गया था। इस घटना के बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने मृतक के परिवार को 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की और आगे भी सहायता का आश्वासन दिया है।
सुसाइड नोट और पुलिस कार्यवाही:
सरदारपुर थाना प्रभारी प्रदीप खन्ना ने बताया कि रूपेश के पेंट की जेब से मिले सुसाइड नोट में शेयर बाजार में हुए नुकसान और कर्ज बढ़ने का जिक्र है, जो आत्महत्या का कारण बना। पुलिस ने परिजनों की उपस्थिति में सभी आवश्यक कार्रवाई की और मामले की जांच जारी है।