खेती को लाभ का काम बनाने की कोशिशें हो रहीं हैं लेकिन इसका असर बहुत नजर नहीं रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में काम कर रहे 70-85% युवा अपनी नौकरी बदलना चाहते हैं। ‘स्टेट ऑफ़ रूरल यूथ एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024’ में यह खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कृषि और स्वरोज़गार, जो पारंपरिक रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के मुख्य स्रोत रहे हैं, अब कई युवा इन्हें करियर के रूप में नहीं देख रहे हैं।
यह रिपोर्ट डेवलपमेंट इंटेलिजेंस यूनिट (DUI) ने तैयार की है, जो ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया (TRI) और संबोधी रिसर्च के साथ-साथ ग्लोबल डेवलपमेंट इनक्यूबेटर (GDI) का संयुक्त प्रयास है। इस सर्वेक्षण में 21 राज्यों के 5,169 ‘ऑपर्च्युनिटी यूथ’ को शामिल किया गया, जिन्हें या तो बेरोजगार या कम रोजगार वाला माना गया है। ये युवा भारत के सभी ग्रामीण युवाओं का 70% हैं।
https://x.com/TRIFoundation/status/1820405143994872020
जो युवा अपनी वर्तमान नौकरी छोड़ना चाहते हैं, उनमें से अधिकांश छोटे व्यवसाय, जैसे मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल, और ट्रेडिंग, या सरकारी और निजी क्षेत्रों में वेतन वाली नौकरियां पसंद करते हैं। जो युवा व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, उनमें से 90% पुरुष और 50% महिला उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें प्रारंभिक पूंजी तक पहुंचने में सहायता की आवश्यकता है, जबकि केवल 10% ने पूर्ण प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की आवश्यकता बताई।
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि अधिकांश उत्तरदाता वर्तमान में कृषि को एक आकर्षक करियर के रूप में नहीं देखते हैं, और 70% ने इसका कारण कम उत्पादकता और अपर्याप्त मुनाफा बताया। उन्होंने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने के लिए तकनीकी सहायता, फसल विविधीकरण का समर्थन और उच्च गुणवत्ता वाले और सस्ते कृषि इनपुट्स तक पहुंच को बढ़ाना आवश्यक है।