भोपाल। उपचुनावों के परिणामों के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जनता के मुद्दों को लेकर शिवराज सरकार के खिलाफ़ लगातार सक्रिय नजर आ रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने कई ट्वीट किए और प्रदेश को नसीहतें दीं। कमलनाथ ने एक-एक करके कई मुद्दों पर ट्वीट किए। वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ और कांग्रेस को भ्रम का शिकार बताया।
कमलनाथ ने अपने ट्वीट के जरिए प्रदेश में पेट्रोल डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों पर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा कि देश में मध्यप्रदेश राज्य में सबसे महंगा पेट्रोल मिलने के बाद अब डीजल की औसत कीमत के मामले में भी मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर पहुंच चुका है।
पेट्रोल-डीजल की निरंतर बढ़ती कीमतें रिकॉर्ड बनाते जा रही है।
माध्यप्रदेश में देश में सबसे महंगा पेट्रोल मिलने के बाद अब डीजल की औसत कीमत के मामले में भी प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर पहुँच चुका है।— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 1, 2020
उन्होंने लिखा कि कोरोना महामारी में पहले से आम लोग बेहद परेशान हैं ऐसे में सरकार को तुरंत ही पेट्रोल डीजल पर लगे करों में कमी कर जनता को राहत देनी चाहिए लेकिन सरकार कुंभकरण की तरह नींद में सोई हुई है। उन्होंने लिखा कि विपक्ष में रहकर विरोध में साइकिल चलाने वाले बैलगाड़ी यात्रा निकालने वाले आज गायब हैं, मौन हैं।
पेट्रोल-डीजल की निरंतर बढ़ती कीमतें रिकॉर्ड बनाते जा रही है।
माध्यप्रदेश में देश में सबसे महंगा पेट्रोल मिलने के बाद अब डीजल की औसत कीमत के मामले में भी प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर पहुँच चुका है।— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 1, 2020
कमलनाथ ने शहडोल में नवजात बच्चों की मौत के मामले में भी ट्वीट किया उन्होंने लिखा की शहडोल में मासूम बच्चों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है दो और बच्चों की मौत की जानकारी सामने आई है यह आंकड़े गंभीर और चिंताजनक है सरकार को इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए आवश्यक निर्णय लेना होगा।
शहडोल में मासूम बच्चों की मौत का आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है, 2 और बच्चों की मौत की जानकारी सामने आई है। यह आँकड़े बेहद गंभीर व चिंताजनक है।
सरकार इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए सभी आवश्यक निर्णय लें।— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 1, 2020
इसी मामले पर एक अन्य ट्वीट में कमलनाथ ने लिखा कि भर्ती सभी गंभीर हालत के बच्चों को समुचित इलाज मिले और उन्हें मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सके। जरूरत पड़ने पर उन्हें प्रदेश के अन्य अस्पतालों में शिफ्ट कर सरकार अपने खर्च पर उनका इलाज करवाएं और पीड़ित परिवारों की भी हर संभव मदद करें