पटवारी की बजाए अब गांव के युवा करेंगे फसलों की गिरदावरी यानी सर्वे, राजस्व से बोझ कम कर बेरोजगारों को राहत देने की कोशिश


इस प्रोजेक्ट के तहत धार जिले 1625 गांवों के करीब 3 लाख किसानों के खेतों में होने वाली फसलों का रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने की एक कोशिश हुई है। ऐसे में किसानों सहित युवाओं को नई-नई योजनाओं से जोड़कर लाभ देने की योजना बनाई गई है। राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण युवाओं को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से फसल की गिरदावरी यानी सर्वे का काम कराया जाएगा।

राज्य सरकार की इस पहल से ग्रामीण युवाओं को गांव में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। हर गांव में सर्वेयर की नियुक्ति होने से गांवों में स्थानीय युवाओं को एक निश्चित अवधि के लिए रोजगार मिलेगा वहीं, पटवारी हैं जो सर्वे करने वाले के कामकाज की मॉनिटरिंग करेंगे।

किसान कई बार शिकायत करते हैं कि पटवारी बिना सर्वे किए ही गिरदावरी यानी फसलों की जानकारी खसरे दर्ज कर देते हैं। इससे प्राकृतिक आपदा की स्थिति में किसानों को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिल पाता। ऐसी शिकायतों को दूर करने और सटीक सूचनाएं प्राप्त करने प्रदेश सरकार अब ग्रामीण युवाओं से गिरदावरी कराने जा रही है। इसके तहत युवाओं को खेत का सर्वे करके फोटो और जानकारी पोर्टल पर अपडेट करनी होगी।

प्रति खसरा आठ रुपए मिलेंगे :

युवाओं को इस काम के लिए उन्हें प्रति खसरा आठ रुपये दिए जाएंगे। इस योजना से युवाओं को अस्थायी रोजगार भी मिलेगा। नई व्यवस्था के तहत गांव के लोग ही फसल नुकसान का सर्वे करेंगे ना कि पटवारी। गांव के चयनित युवा ही मोबाइल एप की मदद से गिरदावरी का काम पूरा करेंगे। इससे जहां किसानों को नुकसान की स्थिति में मुआवजा पाने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। कोई भी किसान फर्जी फसल बताकर प्राकृतिक आपदा पर राहत राशि या फिर फसल बीमा का लाभ भी नहीं ले पाएगा।

1625 राजस्व ग्रामों से आए 1784 आवेदन: 

इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए फर्जी जानकारी देने पर भी रोक लगेगी। यहां सफलता मिलने पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत धार जिले 1625 गांवों के करीब 3 लाख किसानों के खेतों में होने वाली फसलों का रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा। इसके लिए अभी जिलेभर 1784 आवेदन स्थानीय के अन्य गाँवो से आए। जिसका अनुमोदन पटवारी द्वारा किया जायेगा।

जानिए किसको कहते हैं गिरदावरी:

रबी, खरीफ और अन्य सीजन में क्या फसल ली गई है। इन सभी चीजों को देखने और रिकॉर्ड पर दर्ज करने को गिरदावरी कहा जाता है। फसल की गिरदावरी साल में तीन बार सारा एप के माध्यम से की जाएगी। इसका उपयोग फसल की पैदावार, फसल बीमा और अन्य योजनाओं से लेकर नीति बनाने तक में किया जाएगा। जिसे किसानों को लाभ मिलता है। आज के समय गिरदावरी खेती का एक अहम अंग बन गया है।

इस प्रकार होगी चयन प्रकिया:

उक्त कार्य हेतु ग्राम के स्थानीय युवा-निकटतम ग्राम पंचायत के निवासी जिनकी आयु 18 वर्ष से 40 वर्ष के मध्य हो पोर्टल पर पंजीयन के लिए पात्र होगे। इसमें आधार कार्ड से पंजीकरण भू-लेख पोर्टल के माध्यम से होगा। पटवारी द्वारा ग्राम आवंटन किया जाएगा। युवा द्वारा सारा एप के माध्यम से कार्य संपादित किया जायेगा। जिनकी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता कक्षा 8 वीं उत्तीर्ण निर्धारित की गई है तथा उनके पास मोबाइल फोन मय इंटरनेट उपलब्ध होना जरूरी है।

गिरदावरी ऑनलाइन होने से पारदर्शिता रहेगी…

पटवारी अक्सर बिना सर्वेक्षण किए ही गिरदावरी की जानकारी भर देते हैं जिससे किसानों को नुकसान होता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक बार प्रक्रिया के ऑनलाइन हो जाने से किसानों की दिक्कतें खत्म हो जाएंगी।

 

प्रशासनिक स्तर पर योजना को लेकर तैयारी शुरू हो चूंकि है। यह योजना गिरदावरी के काम में पारदर्शिता लाएगी। स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार मिलेगा। साथ ही उन्हें अनुभव भी मिलेगा। योजना को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कार्य हो रहा है और जिले में 1784 आवेदन अभी आए है जिनकी जांच पटवारियों द्वारा होगी। वहीं यह सारी जानकारी सारा ऐप में अपलोड होने से किसी गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी। मुकेश मालवीय, अधीक्षक भू-अभिलेख, धार



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