मध्य प्रदेश में कैबिनेट विस्तार किया गया है। सोमवार सुबह हुआ यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार का यह पहला मंत्रिमंडल विस्तार था जिसमें कांग्रेस से भाजपा में आए रामनिवास रावत ने मंत्री के तौर पर शपथ ली। रावत छह बार के कांग्रेस विधायक हैं और अभी भी उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है। रावत मंत्री मंडल के 31वें मंत्री हैं। रावत ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में शपथ ली।
रामनिवास रावत मुरैना के विजयपुर सीट से विधायक हैं और लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्होंने कांग्रेस से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है और अब उपचुनाव लड़ेंगे। छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा से विधायक रहे कमलेश शाह के शपथ ग्रहण की अटकलें खत्म हो गईं हैं उन्हें फिलहाल मंत्री नहीं बनाया गया है। हालांकि माना जा रहा है कि उपचुनाव के नतीजे आने के बाद ही उनकी शपथ हो सकती है।
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रावत ओबीसी के नेता हैं और वे 1990, 1993, 2003, 2008 और 2023 में विधायक रहे हैं 2019 का चुनाव वे हार गए थे। पूर्व सीएम और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाने वाले रामनिवास रावत ने हालही में लोकसभा चुनाव के दौरान ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। भाजपा के नेता उनसे काफी समय से संपर्क में थे और उन्हें विश्वास दिलाया गया था कि वे मंत्री बनाए जाएंगे। कांग्रेस नेतृत्व से नाराज़ बताए जाते हैं और वे कई बार कांग्रेस को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार की चेतावनी सार्वजनिक मंचों से देते रहे हैं। ऐसे में उनके जाने को लेकर पहले से ही स्थिति तय मानी जा रही थी।
वर्तमान में प्रदेश मंत्रिमंडल में 4 पद खाली हैं जिन्हें भरा जाना है। वर्तमान में डॉ. मोहन यादव की सरकार में 30 मंत्री हैं, जबकि मंत्रिमंडल में अधिकतम 34 मंत्री हो सकते हैं। रावत को मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले विधानसभा की सदस्यता छोड़नी होगी।