नरसिंहपुर। सोमवार को तेदूखेड़ा तहसील क्षेत्र के किसानों ने कृषक उपज मंडी परिसर में धरना प्रदर्शन करते हुए अर्द्धनग्न होकर रैली निकाली और नई दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए शासन के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन का असर अब कृषि प्रधान जिले नरसिंहपुर में भी देखने को मिल रहा है। यहां सोमवार को तेंदूखेड़ा तहसील के किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि बिलों का विरोध किया और इन्हें वापस लेने की मांग की। यहां किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी की गांरटी मिले, प्रस्तावित बिजली कानून रद्द किया जाए और पराली जलाने पर जुर्माने का प्रावधान भी रद्द किया जाए।
किसान यह भी मांग कर रहे थे कि जिले मे गन्ने के दाम शुगर रिकवरी के आधार पर तय किए जाएं और भुगतान भी तत्काल कराया जाए। साथ ही जल संरक्षण दिशा में मृगन्नाथ रिछआई, बिजौरा, भौरपानी, मर्रावन, बरांझ, परियोजना नदी पर बांध का निर्माण कराया जाए। गुड़ के न्यूनतम दाम 5 हजार प्रति क्विंटल होने चाहिए। इसके साथ ही प्राकृतिक आपदा से धान प्रभावित हुई है इसलिए एफएक्यू के मापदण्ड को निरस्त किया जाए।
बिजली की समस्या पर भी किसानों ने नाराजगी जताई है। अस्थाई कनेक्शन को सरलता से दिए जाने और कुर्की समाप्त करने की मांग दोहराई जा रही है।
किसानों का यह भी कहना था कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के किसाना शांतिपूर्वक ढंग से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन विभिन्न सरकारों ने बलपूर्वक आंदोलन को दबाने की कोशिश की है जिसकी वह निंदा करते हैं।
इस मौके पर राष्ट्रीय मजदूर किसान संघ के विभिन्न पदाधिकारी और सदस्य किसानों ने प्रदेश एवं केन्द्र सरकारों के खिलाफ जमकर नारेवाजी करते हुये किसानों के साथ किए जा रहे अन्याय पर आक्रोश जताया। ज्ञापन देने वाले अधिकारियों ने किसानों को आश्वस्त किया है कि शीध्र ही उनकी बात वरिष्ठ अधिकारियों एवं शासन तक पहुंचाई जाएगी।