प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों राजस्थान में मुस्लिम समुदाय को लेकर एक टिप्पणी की। जिसके बाद उनकी खासी आलोचना हुई। कांग्रेस ने इसकी शिकायत की और कहा कि मोदी ने मुसलमानों के खिलाफ घृणित बयान दिया है और चुनाव आयोग से इसे लेकर बड़ी संख्या में शिकायतें की। इस पर अब चुनाव आयोग ने कार्रवाई तो की है लेकिन यह केवल संतुलन बिठाने की ही कार्रवाई नजर आती है।
आयोग ने जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में प्रधानमंत्री मोदी का नाम तो नहीं है लेकिन उनके खिलाफ कांग्रेस के द्वारा की गई शिकायतें अपने नोटिस के साथ नत्थी जरूर किया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि बयान देने वाले व्यक्ति को नोटिस न देकर पार्टी के अध्यक्ष को नोटिस दिया गया है। हालांकि इस नोटिस के बाद नरेंद्र मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं जिनके बयान पर चुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। भाजपा ने जो राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत की है उसमें कहा गया है कि राहुल भारत में गरीबों की स्थिति को लेकर गलत जानकारी दी है।
इसी तरह राहुल गांधी के नाम पर भी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से जवाब मांगा है। मोदी और राहुल के बयानों के लेकर दोनों पार्टी अध्यक्षों को 29 अप्रैल की सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा है। दरअसल, बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने एक दूसरे पर धर्म, जाति, समुदाय और भाषा के आधार पर नफरत और विभाजन पैदा करने के आरोप लगाए हैं।
नरेंद्र मोदी कौन से छुई मुई हैं भाई, कौनो छोटे से सेरिलेक खाते बेबी हैं क्या?
विष उगला मोदी ने, निष्पक्ष चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा नड्डा को
याद है ना एक बार प्रेस वार्ता में सवाल मोदी से पूछे गये थे, जवाब अमित शाह ने दिये थे pic.twitter.com/AoSAMghrtb
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) April 25, 2024
पीएम नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर देशभर में लोग चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग कर रहे थे। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों और सामाजिक संगठनों ने आयोग को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी। चौतरफा अपील के बाद अब आयोग को नोटिस देने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों के अध्यक्षों को पहले ही आचार संहिता की गाइ़डलाइन की एक बुकलेट दे दी थी और कहा था कि इसे सभी स्टार प्रचारकों को दे दिया जाए ताकि किसी भी तरह की जानकारी के आभाव न हो और नेता आचार संहिता के प्रथि गंभीर रहें। आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों विशेष रूप से स्टार प्रचारकों के व्यवहार की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी।