जनपद की पुरानी जमीन को बचाने नागरिक उपभोक्ता मंच ने सौंपा ज्ञापन


प्रमुख सचिव से की निविदा और जमीन की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने की मांग


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :

गाडरवारा शहर के बीचों बीच पलोटन गंज स्थित बेशकीमती पुरानी जनपद की जमीन की बिक्री के लिए लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग भोपाल ने निविदा जारी की है। जिसमें उस भूमि की बिक्री के लिए आवेदन मांगे गए हैं। 420 वर्ग मीटर की भूमि को विभाग द्वारा ओने-पौने दामों पर बेंचा जा रहा है जिसपर आपत्ति लगाते हुए नागरिक उपभोक्ता मंच के अरविंद स्थापक, पवन कौरव, अभिषेक मेहरा, तरुण सेन, सज्जाद अली आदि सदस्यों ने प्रमुख सचिव भोपाल, जिला कलेक्टर व अन्य को गाडरवारा एसडीएम के द्वारा ज्ञापन देकर शासकीय भूमि की बिक्री और निविदा पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।

जनपद अध्यक्ष ले चुके याचिका वापिसः ज्ञापन में उपभोक्ता मंच के सदस्यों ने बताया है कि इस मामले को लेकर साईंखेड़ा जनपद पंचायत अध्यक्ष छत्रपाल सिंह राजपूत ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी जिसपर 10 नवंबर 2023 को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए निविदा और शासकीय भूमि की बिक्री पर रोक लगा दी थी लेकिन फिर याचिकाकर्ता जनपद अध्यक्ष ने 12 अक्टूबर 2023 को याचिका वापिस ले ली जिसके कारण याचिका पर लगी रोक हट गई जिसके बाद पुनः विभाग ने जमीन की बिक्री की प्रक्रिया शुरू कर दी।

अन्य विकल्पों पर विभाग ने नही दिया ध्यानः  ज्ञापन में कहा गया है कि विभाग द्वारा जमीन के व्यवसायीकरण के लिए भूमि का विक्रय करना गलत है जबकि शासन पीपीपी मॉडल, कामर्शियल कॉम्पलेक्स, लीज आदि माध्यम से भी उस भूमि को किराए पर देकर आय अर्जित कर सकती थी लेकिन नियमों में हुए संशोधन के विकल्पों को नजरंदाज करते हुए सीधे तौर पर कुछ निजी लोगों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा भूमि विक्रय किया जा रहा है।

हाईकोर्ट में है याचिका लंबितः नागरिक उपभोक्ता मंच के संयोजक मनीष शर्मा के द्वारा प्रदेश में विभाग द्वारा सरकारी संपत्तियों को बेचने संबधी जनहित याचिका 2021 से हाईकोर्ट जबलपुर में विचाराधीन है बावजूद इसके हाईकोर्ट का सम्मान न करते हुए विभाग धडल्ले से निजी लोगों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से सरकारी समपत्तियों का विक्रय कर रहा है। मंच के सदस्यों ने कहा है कि यदि गाडरवारा के पलोटन गंज स्थित भूमि के विक्रय और निविदा पर तुरंत रोक नही लगाई गई तो वह उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेंगे ।