किसानों का विरोध मार्च ‘दिल्ली चलो’ का आज दूसरा दिन है। कल हरियाणा में खट्टर की पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी देश के अन्नदाताओं के इस मार्च को रोकने के लिए। सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर, कंटीले तार का बड़ा लगा कर भी न किसानों के सैलाब को रोक पाने में नाकाम होने के बाद उन पर पानी का तेज बौछार, आंसू गैस के गोले दागने से भी जब सफलता नहीं मिली तो देर रात खबर आई कि सड़क पर पुलिस वालों ने 10 फीट गहरा गड्डे खोद दिए। अब सुबह दिल्ली से खबर है कि सरकार इतनी डर गयी है कि 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेलों में तब्दील करने की अनुमति मांगी है।
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेलों में तब्दील करने की अनुमति मांगी।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 27, 2020
इस बीच दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ सीमा पर किसानों को रोकने केलिए जाम किये गये सड़क पर खड़ी की गयी एक ट्रक को किसानों ने खींच कर हटा दिया है। कल भी कुछ इस तरह के नजारे सामने आये थे।
#WATCH Farmers use a tractor to remove a truck placed as a barricade to stop them from entering Delhi, at Tikri border near Delhi-Bahadurgarh highway pic.twitter.com/L65YLRlkBo
— ANI (@ANI) November 27, 2020
इससे पता चलता है कि ये किसान बहत ही चट्टानी इरादों और आक्रोश के साथ दिल्ली के लिए कूच किये हैं और मोदी और खट्टर सरकार की तमाम कोशिशें उसके आगे विफल है।
टिकरी सीमा पर पुलिस पानी और टीयर गैस के गोले दाग रही है, किसान इन्हें भेदते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
#WATCH Delhi: Police use water cannon & tear gas shells to disperse protesting farmers at Tikri border near Delhi-Bahadurgarh highway.
Farmers are seen clashing with security forces, as they tried to head towards Delhi as part of their protest march against Centre's Farm laws. pic.twitter.com/L67PN4xYKy
— ANI (@ANI) November 27, 2020
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वे 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी कर देंगे। फिर ऐसा कानून ले आये कि किसान सड़कों पर आ गये।
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बल आंसू गैस के गोले छोड़ रहे हैं।
#WATCH कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बल आंसू गैस के गोले छोड़ रहे हैं। #FarmLaws pic.twitter.com/UpnkXK54LO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 27, 2020
पानीपत में भी आज 2020 में इतनी सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं कि शायद 1526 के पानीपत के प्रथम युद्ध में नहीं लगाये गये थे।
हरियाणा: कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन को देखते हुए पानीपत में सुरक्षा बल तैनात है। #FarmLaws pic.twitter.com/5sufqUWeSu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 27, 2020
कांग्रेस के तमाम नेता पानीपत में किसानों के साथ उतर आये हैं। रणदीप सिंह सुरजेवाला , पवन खेड़ा, कुमारी शैलजा जैसी नेता पानीपत में किसानों के साथ सडक पर हैं।
कांग्रेस किसान के साथ चट्टान की तरह खड़ी है
अब टूट गिरेंगी जंजीरें, अब ज़िन्दानों की ख़ैर नहीं,
जो दरया झूम के उठे हैं, तिनकों से न टाले जायेंगेकटते भी चलो, बढ़ते भी चलो,
बाजू भी बहुत हैं सर भी बहुत,
चलते भी चलो के अब डेरे,
मंजिल पे ही डाले जायेंगेपानीपत किसान कूच में शामिल। pic.twitter.com/PFyURzhFLn
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 27, 2020
पंजाब से भारी मात्रा में किसान संगठन जो कल नहीं जा पाए थे वो आज निकलेंगे. इस जानकारी के मिलने के बाद अंबाला को पूरी तरह बंद कर दिया गया है.
Security deployed, barriers placed at the Shambhu border between Haryana and Punjab, near Ambala, to stop the protesting farmers from proceeding to Delhi
"We will ensure law and order is maintained," says SP Ambala pic.twitter.com/qBlXZ5r98J
— ANI (@ANI) November 27, 2020
अम्बाला के एसपी ने कहा कि, “हमने शंभू बॉर्डर को पूरी तरह से बंद रखा हुआ है, आज हमें जानकारी मिली है कि पंजाब से भारी मात्रा में किसान संगठन जो कल नहीं जा पाए थे वो आज यहां से जाने की कोशिश करेंगे। हम आज भी कोशिश करेंगे कि वो यहां से दिल्ली की ओर कूच न कर सकें।
किसानों का सैलाब लगातार दिल्ली की सत्ता हिलाने के लिए आगे बढ़ रहा है.
अमृतसर (पंजाब): कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी दिल्ली की ओर बढ़ रही है। pic.twitter.com/6aFVDhn39f
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 27, 2020
कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली जाने के लिए सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं. एक किसान ने कहा -, “हमें प्रदर्शन करने का भी हक नहीं है, ऐसे बेरिकेड लगाए हैं जैसे कि हम पाकिस्तान या चीन से आए हैं. हम अपनी राजधानी में प्रदर्शन करने जा रहे हैं.
किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन को देखते हुए दिल्ली जाने वाले सभी वाहनों की जांच की जा रही है जिससे दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर लंबा जाम लग गया है. वहीं, किसानों का कहना है कि वे 6 महीने का राशन लेकर निकले हैं घर से.
Punjab: Members of Kisan Mazdoor Sangarsh Committee prepare in Amritsar for their tractor rally towards Delhi by stocking up essentials in trolleys.
"We have loaded food material for a month & cooking utensils in our trolleys. We're all headed towards Delhi now," says a farmer. pic.twitter.com/INJX58AoJB
— ANI (@ANI) November 27, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान रोहतक से दिल्ली की तरफ आ रहे हैं. एक प्रदर्शनकारी किसान ने बताया, “पुलिस ने हमें पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोलों से रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन हमने इसकी परवाह नहीं की और हम दिल्ली की ओर आगे बढ़ रहे हैं.”
सिंघू बॉर्डर (हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर) पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
तमाम विपक्षी नेताओं और देश की तमाम केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों जिनमें इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर ऑफ इंडिया ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एंप्यॉलयड वीमेंस एसोसिएशंस (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और युनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) जैसी यूनियन ने मोदी और खट्टर सरकार की तानाशाही की निंदा की है.
बीते कल जब की सत्ता पर काबिज लोग संविधान पर ज्ञान दे रहे थे तब 25 करोड़ लोग देश भर में सड़कों पर उतरे हुए थे. किन्तु डोनाल्ड ट्रम्प को कोरोना होने पर चिंतित होने वाले नरेंद्र मोदी ने किसानों के नाम एक शब्द नहीं कहा.
इस बीच जब किसान अपनी हक़ की लड़ाई लड़ने केलिए शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की ओर बढ़ रहे थे और पुलिस उन्हें रोकने के लिए सम्पूर्ण बल प्रयोग में लगी थी, तब मोदी मीडिया अपनी दलाली में लगी हुई थी. किसान सड़क पर क्यों है इस सवाल को दबा कर वो देश की जनता को बता रही थी कि किसानों को किसने भड़काया.
दुनिया के किसी भी देश का मीडिया हमारे जाँबाँज़ों का मुक़ाबला नहीं कर सकता.
इस धुआँधार रिपोर्टिंग को सभी मीडिया संस्थानों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए ताकि पत्रकारों की अगली पीढ़ी स्मार्ट और प्रैक्टिकल हो pic.twitter.com/EnnUNhrFKF
— Ms Aflatoon (@Ms_Aflatoon) November 27, 2020
इस बीच कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वह किसानों के साथ खड़ी है. हरियाणा कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने कहा – कांग्रेस पार्टी किसान-मजदूर-आढ़ती भाइयों के साथ खड़ी है।राहुल गांधी ने ऐलान किया है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार आने पर इन कृषि विरोधी काले कानूनों को वापस लिया जाएगा.
कांग्रेस पार्टी किसान-मजदूर-आढ़ती भाइयों के साथ खड़ी है।
श्री @RahulGandhi जी ने ऐलान किया है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार आने पर इन कृषि विरोधी काले कानूनों को वापस लिया जाएगा।
आज पानीपत पहुंचकर आंदोलनरत किसान भाइयों को अपना समर्थन दिया।#FarmersProtest pic.twitter.com/VtIXneeAhw
— Kumari Selja (@Kumari_Selja) November 27, 2020