सेंट टैरेसा घोटाले के दो साल बाद भी नहीं हाथ आया मास्‍टरमाइंड सुधीर जैन, प्रशासन ने अस्पताल को फिर किया सील


सेशन कोर्ट के आदेश के बावजूद विधिवत प्रक्रिया नहीं हुई, कुछ दिन पहले खुली थी हॉस्पिटल की सील


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

शहर का बहुचर्चित सेंट टैरेसा जमीन घोटला इन दिनों सुर्खियों में है। इसकी वजह काशीबाग स्थित मेवाड़ हॉस्पिटल है। दरअसल कुछ दिन पहले कोर्ट के आदेश के बाद हॉस्पिटल को खोल दिया गया था। इस घटना के बाद प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा भी बनाया था और इसके साथ ही कानूनी राय लेने की बात कही थी।

इसके बाद मंगलवार को प्रशासन ने दोबारा अस्‍पताल को सील कर दिया है। अधिकारियों की मानें तो जमीन मालिक की ओर से सील खोलने को लेकर विधिवत प्रक्रिया नहीं की गई है अगर सील हटाने को लेकर निचली कोर्ट से कोई आदेश पारित होता हैं, तो उसके बाद प्रशासन ही स्वयं सील हटाने का काम कर देगा।

गौरतलब है कि शहर की आदर्श सड़क पर स्थित सेंट टेरेसा कंपाउंड की 250 करोड़ रुपए की जमीन को फर्जी तरीके से औने-पौने दाम पर बेच दिया गया था। शुरुआती जांच के बाद 28 नवंबर 2021 को कोतवाली पुलिस ने सुधीर दास व घोटाले के मास्‍टर माइंड के तौर पर सुधीर जैन सहित शहर की कई बड़ी हस्तियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया था।

इस मामले में 35 से अधिक लोगों को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था, जो उच्च न्यायालय सहित सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आ चुके हैं। जमीन की कुल कीमत करीब 250 करोड़ रुपए के आसपास हैं, जिसे लेकर ही कोतवाली पुलिस ने चालान भी कोर्ट के समक्ष पेश किया। जहां प्रकरण की सुनवाई अभी चल रही है। हालांकि इस मामले में पहले दिन से ही मुख्य आरोपी सुधीर जैन फरार चल रहा है, फरार आरोपियों की संपत्तियों को प्रशासन की और से सील किया गया था। जिसमें शहर की कई संपत्तियों में कोर्ट रोड स्थित भवन भी शामिल था। जिसे 23 नवंबर को पक्षकार सुनील जैन की ओर से की गई अपील के बाद खोल दिया गया था।

सेशन ने आदेश किया अपास्त : अभिभाषक केशव दीक्षित ने बताया संपत्ति को लेकर निचली अदालत द्वारा जो आदेश दिया गया था, उसे सेशन कोर्ट में हमारे द्वारा रखा गया था। सेशन की और से निचली कोर्ट के आदेश को अपास्त कर दिया था। इसके आधार पर ही भवन में पक्षकार की और से प्रवेश किया गया था। इधर मंगलवार को प्रशासनिक अमला मौके पर पुन भवन को सील करने के लिए पहुंचा था, अधिकारियों के अनुसार निचली कोर्ट ने कुर्की करने संबंधित आदेश दिया था।

इसके बाद सेशन कोर्ट ने उक्त आदेश को अपास्त करते हुए कहा कि निचली कोर्ट में प्रकरण को लेकर पुन विचार करने के बाद भवन खोलने संबंधित आदेश दिया जाए। अगर निचली कोर्ट भवन में प्रवेश करने की अनुमति देती तो पक्षकार प्रवेश कर सकते थे। किंतु दूसरे पक्ष की और से विधिवत्त प्रक्रिया नहीं करते हुए भवन में प्रवेश किया गया था, इसी कारण सील किया गया है।

घोटाले को दो साल पूरे: 28 नवंबर को शहर के सबसे बड़े जमीन घोटाले को दो साल पूरे हो गए हैं। आज से ठीक दो साल पहले कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी का सबसे बड़ा केस दर्ज किया था। इसमें भूमाफिया सुधीर जैन को मुख्‍य आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने इस मामले में कई बडे़ लोगों को जरुर गिरफ्तार किया लेकिन इस घोटाले का मास्‍टरमाइंड व भगोड़े सुधीर जैन को अब तक पुलिस की गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस ने सुधीर जैन पर ईनाम घोषित कर संपत्तियों को भी कुर्क किया। इसके बाद भी आरोपी जैन पुलिस के सामने नहीं आया है। तहसीलदार दिनेश उईके के अनुसार भवन में प्रवेश करने की सूचना पर 6 दिन पहले पंचनामा बनाया था। इसमें पक्षकार की और से सेंशन कोर्ट का एक आदेश बताया था। आदेश को लेकर विधिवत विभागीय प्रक्रिया नहीं की गई, इसी कारण पुन भवन को सील कर दिया गया है।



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