आप भी विधायक है, आपने अपकेे लोगों के लिए कितना कुछ करा, हमारे विधायक से पूछाें यहां बुलाकर कि वो कब आए विधानसभा, जब पूरा गांव डूब रहा था, तब गांव का बच्चा-बच्चा विधायक को ढूंढ रहा था। ये हमारी मैडम राजू बेन ने खाने का पूछा, खाना उपलब्ध करवाया, 70 परिवार डूब गए थे। हमारे बच्चों के…मोहल्ले के बच्चों के पैर में छाले पढ़ गए थे। मांझी समाज के लोगों से पूछो, क्या हालत थे। हम कांग्रेसी हैं नोटा में वोट डाल देंगे लेकिन विधायक को वोट नहीं देंगे, आप इनसे पूछो कि वे कब आए थे।
ये दर्द अतिवृष्टि के कारण डूब में अपनी गृहस्थी गंवाने वाले पीडि़तों का है, जिन्होंने दो दिन की अतिवृष्टि में अपना सबकुछ खो दिया। लेकिन जिस वक्त इन्हें मदद और राहत की जरूरत थी, तब इनकी बात प्रशासन और सरकार तक पहुंचाने वाले जनप्रतिनिधि गायब थे। इस कारण जब बुधवार को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बाढ़ और डूब के कारण प्रभावित हुए परिवारों से मिलने धरमपुरी विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचे तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने अपना दर्द बयां करते हुए विधायक पांचीलाल मेड़ा का खुले तौर पर विरोध किया। इसके साथ ही आने वाले चुनाव में विधायक मेड़ा के बॉयकाट कर वोट नहीं देने तक की बात कही है।
यह है मामलाः दरअसल 15-16 सितंबर को धार जिले में अतिवृष्टि के कारण भारी बारिश हुई थी। भारी बारिश के चलते नर्मदा समेत पूरे जिले में हहाकार मचा हुआ था। नर्मदा का पानी पहली बार उन इलाकों में पहुंच गया था, जो डूब क्षेत्र से बाहर थे। ऐसे में प्रशासन ने ताबड़तोड़ खलघाट व धरमपुरी की कई निचली बस्तियों को खाली करवाया था। इससे कई परिवार बेघर हो गए थे। इन हालातों में लोगों को अपनी पूरी गृहस्थी गंवाना पड़ी थी। जब नर्मदा का जलस्तर कम हुआ तो बस्तियों में सिर्फ बर्बादी के निशां ही थे।
विधानसभा में नहीं दिखे थे विधायक: इस विकट परिस्थिति में जब लोगों को अपने विधायक पांचीलाल मेड़ा की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब वे गायब थे। ऐसे में लोगों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं था। स्थानीय प्रशासन ने अपने स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध करवाई लेकिन जो मुआवजा लोगों को मिलना था, उसके लिए वे अब तक राह देख रहे है। ऐसे हालात में जब पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह डूब प्रभावितों से मिलने पहुंचे तो लोगों का दर्द फूट पड़ा। कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा को लेकर लोगों ने जबरदस्त नाराजगी दर्ज करवाई। इस पूरे मामले में पूर्व सीएम सिंह ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर कुक्षी विधायक सुरेंद्रसिंह हनी बघेल को भेजा था, विधायक हनी बघेल के सामने भी लोगों ने विधायक को लेकर खूब खरी-खेटी सुनाई। साथ ही विधायक मेड़ा को आने वाले चुनाव में वोट तक नहीं देने की बात कह दी।
धरमपुरी विधानसभा से कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में कई बार नाराजगी देखने को मिली है। यह पहला मौका नहीं है, जब लोगों ने उनका विरोध किया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भी हमेशा से यही शिकायत रही है। दरअसल विधायक मेड़ा धरमपुरी के स्थानीय नहीं है। बाहरी प्रत्याशी होने के कारण उन्हें कई बार उन्हें लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष कमल किशोर पाटीदार खुद धरमपुरी विधानसभा से आते हैं, लेकिन उनके साथ भी वे कई बार नजर नहीं आए है। इससे विधायक मेड़ा की सक्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
इस बार ये विधानसभा के दावेदार: इस बार धरमपुरी विधानसभा से भाजपा काफी आक्रमक रणनीति अपना रही है। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले धरमपुरी विधानसभा से भाजपा ने पूर्व विधायक कालूसिंह ठाकुर को अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया है। जबकि कांग्रेस से इस बार धरमपुरी से प्रदेश कांग्रेस सचिव सुखराम डावर, जिला पंचायत सदस्य राजू बेन चौहान दावेदारी कर रहे है। लेकिन इनके अलावा पूर्व सांसद गजेंद्रसिंह राजूखेड़ी का नाम भी धरमपुरी विधानसभा के लिए चल रहा है। बताया जा रहा है कि धरमपुरी से भाजपा के कालूसिंह ठाकुर के सामने चुनाव जीतने के लिए पूर्व सांसद राजूखेड़ी के नाम पर कांग्रेस मुहर लगा सकती है।