बारिश के कारण जहां जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बिजली कंपनी के मैंटेनेंस के भी दावे की पोल खुल गई है। सालों से पुराने बिजली तारों पर झूलती बिजली व्यवस्था पूरी तरह फेल नजर आई। जिले में न तो बिजली कंपनी की कोई हेल्पलाइन पर लोगों को अपनी परेशानी का संतोषजनक जवाब मिल पा रहा है और न ही जिम्मेदारी कुछ बता पा रहे हैं। झूलते तारों के टूटने का सिलसिला लगातार जारी है। इससे दिनभर घंटोंं कटौती के कारण लोग परेशान है। शहर का कालिका मार्ग क्षेत्र ऐसा है, जहां पर बीते तीन दिनों से बिजली बंद है।
जिले सहित कई क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी है। बारिश के कारण कई मोहल्ले में बिजली सप्लाय प्रभावित है। बिजली ना होने की वजह से लोग परेशान है। प्रभावित क्षेत्रों से लोग अपनी शिकायत टोल फ्री नंबर 1912 पर दर्ज करवाने का प्रयास करते है तो नंबर पर कोई रिस्पांस नहीं मिल पा रहा है। शिकायत ही दर्ज नहीं हो पा रही है। ऐसे हालात में लोग शहरी क्षेत्र के राजवाड़ा कार्यालय पर पहुंचते है, लेकिन पर कर्मचारी ही मौजूद नहीं है। शहर के भक्तांबर, अभ्युदय बिहार और कालिका मार्ग पर बिजली बंद है तो कही कम वॉल्टेज से लोग परेशान हो रहे है। बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग राजवाड़ा स्थित विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय पहुंचे, लेकिन कार्यालय पर ताला लगा होने से लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा।
ये क्षेत्र हो रहे प्रभावित : शनिवार से शुरु हुई बारिश से अभ्युदय बिहार, भक्तांबर कॉलोनी और कालिका मार्ग की बिजली सप्लाय देर रात से बंद है। बीते 24 घंटो बाद भी बिजली सप्लाय बहाल नहीं हो पाई है। बिजली बंद होने से लोग घरो में रातभर परेशान होते रहे। जब सप्लाय की शिकायत विविकं के जिम्मेदार अधिकारियों को करना चाही तो उन्होंने शिकायत का निराकरण करने के बजाय मोबाइल नंबर को ब्लैक लिस्ट कर दिया।
विभाग के कार्यालय पर लगा ताला : बिजली सप्लाय बंद होने की शिकायत करने जब बड़ी संख्या में लोग राजवाड़ा स्थित कार्यालय पहुंचे तो वहां कर्मचारियों ने ताला लगा दिया। कई घंटो तक इंतजार करने के बाद भी कोई भी कर्मचारी और अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।
विभाग का टोल फ्री नंबर बंद : जब परेशान रहवासियों ने विविकं के टोल फ्री नंबर 1912 पर शिकायत दर्ज कराना चाही तो लाख कोशिशों के बाद भी टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज नहीं हो पाई। टोल फ्री नंबर 1912 रिस्पांंस ही नहीं कर पा रहा है। इस कारण न तो कस्टमर केयर से बात हो पा रही है और न ही शिकायत दर्ज हो पा रही है। स्थानीय स्तर पर टोल फ्री नंबर भी बंद होने के कारण लोग परेशान है। अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना रवैया लोगों में शासन-प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ा रहा है।
वॉल्टेज और फेज की भी परेशानी : शहर में बिजली कटौती तो अपने आपमें एक परेशानी है ही, इसके अलावा वॉल्टेज और फेज की भी परेशानी से लोग परेशान है। लगातार वॉल्टेज कम-ज्यादा हो रहा है। इससे घरों के उपकरण खराब होने की संभावना बनी हुई है। साथ ही फेज नहीं होने के कारण ट्यूबवेल आदि भी बंद हो गए है। इससे लोगों को पीने के पानी तक के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
हर तीन माह में होता है मैंटेनेंस : शहर में विद्युत वितरण कंपनी हर तीन माह में मैंटेनेंस करती है। मैंटेनेंस के नाम पर सिर्फ और सिर्फ पेड़ों की छटाई होती है। जबकि पूरे शहर में दशकों की पुरानी से बिजली सप्लाय हो रही है। कई जगहों पर बिजली के तार झूलते है। लकड़ी की रपट लगाकर इन्हें लटकने के लिए छोड़ दिया गया है। भगवान धारनाथ की शाही सवारी के दौरान झांकियों का कारवां भी विविकं कंपनी की लाइनों के कारण काफी देर अटका रहा था। खासतौर पर विविकं द्वारा प्राइवेट कंपनियों को प्राइवेट लाइन बिछाने के लिए दी गई एनओसी नई परेशानी बन गई। ये लाइनें बिजली के तारों से चार फीट नीचे लगाई गई है, इससे अनंत चतुर्दशी पर निकलने वाली झांकियों के दौरान भी परेशानी आ सकती हैं। छबीने के वक्त भी आधे शहर की बिजली बंद हुई थी। इससे व्यवस्था प्रभावित हुई थी। विविकं कंपनी सिर्फ वसूली में ही व्यस्त नजर आ रही है। इधर शहर की महत्वपूर्ण बिजली व्यवस्था की जिम्मेदारी देखने वाले अधिकारी ने रटारटाया जवाब दिया। विविकं शहरी क्षेत्र के कार्यपालन यंत्री धीरज पाटीदार ने बताया कि बिजली सप्लाय सुचारू करने का प्रयास किया जा रहा है। हमारे 500 कर्मचारी शहर में काम कर रहे है।