महंगाई से बेज़ार हुए सब्जी बाज़ार, ग्राहक आते नहीं तो दुकानदारों ने दुकानें ही कर दी बंद


महंगाई की मार ऐसी कि महू छावनी मंडी की सब्जी मंडी लगभग बंद, केवल दस-बीस प्रतिशत दुकानें खुल रहीं, ग्राहक देखने को नहीं मिल रहे


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

इंदौर। हरी सब्जियां इन दिनों आम नागरिकों की पहुंच और थाली से दूर होती जा रही हैं जिसका मुख्य कारण इनके दामों में बेतहाशा वृद्धि है। यही कारण है कि सब्जी विक्रेता ग्राहकों के नहीं आने के कारण दुकानें बंद रखने लगे हैं। सब्जी बाजार में सन्नाटा भी छाने लगा है। हरी सब्जियों के बढ़ते दामों का सीधा प्रभाव मांसाहार पर पड़ा है जिनके दाम भी रातों-रात बढ़ गए हैं।

अभी तक तो टमाटर के भाव ही लाल हो रहे थे, लेकिन अब धीरे-धीरे हरी सब्जी महंगी होती जा रही है। इस महंगाई के कारण हरी सब्जियां मध्यम वर्गीय परिवार की पकड़ व थाली से लगातार दूर होती जा रही है जिसका सीधा असर बाजार पर दिखने लगा है।

महू छावनी के सब्जी बाजार जहां सुबह से लेकर रात 8 बजे तक ग्राहकों की भारी भीड़ रहती थी तथा हर दुकान पर हरी सब्जियों के ढेर लगे रहते थे, लेकिन अब महंगाई के कारण यहां ग्राहक नहीं आ रहे हैं और यही कारण है कि दुकानदार अपनी दुकानें बंद रखने लगे हैं।

बाजार में जो थोड़े बहुत लोग नजर आए भी वे भी दुकानदार या सब्जी विक्रेता ही थे जो अपना समय काटने के लिए यहां बैठे थे। शहर के इस सब्जी मार्केट में हरी सब्जियों की 15 से अधिक दुकानें हैं, लेकिन महंगाई व ग्राहकों की कमी के कारण करीब 10-12 दुकान बंद हैं, जो दुकान खुली हैं वहां भी सब्जियों और ग्राहकों की मात्रा नहीं के बराबर ही है। ऐसे में उन्हें भी नुकसान की आशंका है।

यहां आने वाले ग्राहकों में बड़ी संख्या सैन्य अधिकारियों-कर्मचारियों और इससे जुडे़ विभागों की होती है, लेकिन अब यहां भी सब्जी की खपत कम देखी जा रही है। बताया जाता है कि इसका असर सरकारी कैंटीनों पर भी पड़ा है।

महू के सब्जी बाजार में शुक्रवार दोपहर का हाल

सब्जी विक्रेता मोहम्मद आसिफ राइन ने कहा कि टमाटर के साथ-साथ हर सब्जियों के दाम दो से तीन गुना बढ़ गए हैं जिस कारण ग्राहकों ने हरी सब्जियां लेना बन्द कर दिया है। ग्राहक की मांग नहीं होने के कारण हमने भी अपनी दुकान बंद कर दी है।

सब्जी विक्रेता मोहम्मद हबीब ने कहा कि वह दुकान है जरूर खोल रहे हैं, लेकिन काफी कम मात्रा में सब्जी ला रहे हैं। हबीब बताते हैं कि पहले एक दिन में 10 से 12 कैरेट यानी करीब ढ़ाई-तीन सौ तक किलो टमाटर बेच देते थे, लेकिन बढ़ते दाम और मांग कम होने के कारण एक दिन में मात्र 2 कैरेट ही टमाटर बेच पा रहे हैं।

सब्जी विक्रेताओं के अनुसार टमाटर 120 से  200 रुपये प्रति किलो, हरा गोभी 60 से 90 रुपये प्रति किलो, हरी मिर्च 100 से 160 रुपये प्रति किलो, अरबी 40 से 60 रुपये प्रति किलो, अदरक करीब तीन सौ रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं।

यही नहीं आलू और प्याज के दाम भी दो से ढाई गुना बढ़ गए हैं। आने वाले दिनों में इनके दाम और बढ़ने की संभावना है। सब्जी खरीदने पहुंची एक घरेलू महिला सीमा ने कहा कि एक किलो टमाटर के स्थान पर मात्र ढाई सौ ग्राम टमाटर खरीद कर काम चला रही हैं। यहीं पहुंची नफीसा ने कहा कि उन्होंने टमाटर खरीदना ही बंद कर दिया है।

मांसाहार पर पड़ा असरः हरी सब्जियों के लगातार बढ़ते दामों का सीधा असर मांसाहार पर पड़ा है। चिकन, मटन, मछली के दाम एक से डेढ़ गुना बढ़ गए हैं जबकि सावन के माह में इनके दाम व मांग काफी कम हो जाती है।



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