भोपाल। शिक्षक भर्ती परीक्षा के वर्ग तीन के हजारों अभ्यर्थी मंगलवार को भोपाल में थे। यहां उन्होंने अपने लिए शिक्षक भर्ती में पद वृद्धि की मांग पुरजोर तरीके से उठाई।
अभ्यार्थियों का कहना था कि उन्हें 51 हजार पद दिए जाएं। हालांकि हार बार की तरह उनकी इस मांग को सुनने के लिए सत्ता पक्ष की ओर से कोई नहीं आया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को भोपाल में ही थी और उन्होंने पहले मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना को लॉन्च किया और फिर संविदा कर्मचारियों के सम्मेलन में कई बड़ी घोषणाएं कीं। ठीक इसी दौरान भर्ती की मांग करने पहुंचे कई नौजवान सड़कों पर नौकरी के लिए नारे लगा रहे थे।
मंगलवार को अभ्यर्थियों ने भाजपा कार्यालय पर जाकर प्रदर्शन किया। इस दौरान काफी संख्या में यहां पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। इसके साथ ही इन्होंने डीपीआई कार्यालय पर भी जाकर प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने सार्वजनिक तौर पर शपथ ली कि वे और उनके रिश्तेदार तथा परिचित भी अब भाजपा को वोट नहीं देंगे।
भोपाल में मंगलवार को शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया। यहां प्रदेशभर से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पहुंचे थे जिन्होंने भाजपा को वोट न देने की शपथ ली।@BJP4MP @ChouhanShivraj #MadhyaPradesh #MPTET_2018 pic.twitter.com/MPMCerURJM
— Deshgaon (@DeshgaonNews) July 4, 2023
अभ्यर्थियों के इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेसी नेता दीपक जोशी और सज्जन सिंह वर्मा भी पहुंचे। दीपक जोशी ने अभ्यर्थियों से कहा कि कांग्रेस सरकार आने पर वे शिक्षक भर्ती के पूरे अस्सी हजार पद भरेंगे।
इस प्रदर्शन में करीब दो हजार से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे। अभ्यर्थियों ने यहां अपनी-अपनी परेशानियां कांग्रेसी नेताओं को सुनाईं। एक महिला अभ्यर्थी ने कहा कि उनकी उम्र गुजरी जा रही है लेकिन अच्छे नंबरों से परीक्षा पास करने के बाद भी नौकरी नहीं मिली। ग्वालियर से आए आशीष ने बताया कि अब मनोबल टूट रहा है परीक्षा पास करने के बाद भी स्थिति यही रहनी है तो पढ़ना और फीस भरकर परीक्षा देना भी किस काम का है।
इन अभ्यर्थियों के साथ नेशनल एज्यूकेटेड यूथ यूनियन के सदस्य भी मौजूद रहे। यहां पहुंचे ओबीसी महासभा के नेता राधे जाट ने बताया कि भाजपा सरकार युवाओं के प्रति संवेदनशील नहीं है। उन्होंने कहा कि जो युवा परीक्षा पास करके नौकरी मांग रहे हैं उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है और मुख्यमंत्री हर मंच से एक लाख नौकरी देने की बात दोहरा रहे हैं।
अभ्यर्थियों ने बताया कि सरकार इतने घमंड में है कि एक महीने से चली आ रही उनकी भूख हड़ताल की ओर भी ध्यान नहीं दिया गया। इस दौरान कई अभ्यर्थियों की तबियत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल तक में भर्ती कराना पड़ा। आंदोलन के समय भी सरकार के किसी प्रतिनिधि या भाजपा नेताओं ने भी अभ्यर्थियों की कोई बात नहीं सुनी।
इस आंदोलन का असर भाजपा दफ्तर में भी देखने को मिला। जानकारी के मुताबिक कई नेताओं ने युवाओं के इस विरोध की जानकारी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और मुख्यमंत्री को दी है। पार्टी के खिलाफ हो रहा युवाओं का यह विरोध प्रदर्शन अब नेताओं को भी परेशान कर रहा है। कई बार भाजपा नेताओं को सीधे अभ्यर्थियों के विरोध का भी सामना करना पड़ा है।