भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को मध्यप्रदेश के बारे में बेहद कम जानकारी है। इसके दो उदाहरण पिछले दिनों इन नेताओं के मप्र के दौरे में देखने को मिले हैं।
पहला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भोपाल दौरा था जहां उन्होंने कहा कि जिन भी प्रदेशों में सौ रुपये प्रति लीटर से ज्यादा पेट्रोल की कीमत है वहां की सरकारें जनता से वसूली कर रही हैं।
दूसरी गलतफहमी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से हुई जब उन्होंने खरगोन में रैली के दौरान 2018 में बंद हो चुकी भावान्तर योजना के नाम पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधा और शिवराज सरकार की तारीफ की।
अब पीएम की एक गलती का नुकसान राज्य सरकार को भुगतना पड़ रहा है और भुगतान करीब चार सौ करोड़ रुपये का बताया जा रहा है।
भाजपा के दो सबसे बड़े नेताओं की इस गलती से कहा जा सकता है कि मप्र के बारे में उन्हें कोई खास जानकारी नहीं है। हालांकि इससे पहले भी इन नेताओं के दौरे मप्र में होते रहे हैं, लेकिन अब चुनाव नजदीक हैं तो पीएम और पार्टी अध्यक्ष दोनों ही विपक्षी पार्टियों पर हमले बोल रहे हैं, लेकिन ये हमले अधूरी जानकारी के साथ हैं।
शीर्ष नेताओं की इन गलतियों की ज्यादा चर्चा तो मीडिया में नहीं हुई, लेकिन फिर भी ये दर्ज हैं और किसी न किसी तरह जनता तक पहुंच रहीं हैं।
प्रधानमंत्री भाजपाई सरकारों की तारीफ कर रहे थे, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी शायद नहीं रही होगी कि जिस प्रदेश में वे यह बात कह रहे हैं वहीं पेट्रोल के दाम 109 रुपये प्रति लीटर हैं। मध्यप्रदेश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हो सकती हैं।
पिछले दिनों भोपाल दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच से ही कहा कि भाजपा शासित सरकारों ने अपने राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 100 रुपये से नीचे रखी है और कोई भी दूसरे राज्य जो इससे ज्यादा में पेट्रोल बेच रहे हैं वे जनता से वसूली कर रहे हैं।
पीएम ने कहा था कि केंद्र सरकार ने दो बार अपने टैक्स में कमी की है लेकिन गैर भाजपाई सरकारों ने इसे कम नहीं किया और जनता तक लाभ ट्रांसफर नहीं किया। पीएम ने यहां तक कहा था कि कार्यकर्ताओं को पेट्रोल पंपों पर जाकर पर्चे बांटने चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोमवार को भोपाल में थे जहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी बात की। प्रधानमंत्री के भाषण का ये एक हिस्सा काफी चर्चा में है जहां उन्होंने विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि जो भी सरकारें ₹100 से ज्यादा में पेट्रोल दे रही है वह… pic.twitter.com/94ctJTRQOq
— Deshgaon (@DeshgaonNews) June 27, 2023
अब पीएम मोदी की इस टिप्पणी से चुनावी नुकसान होने की आशंका है ऐसे में सरकार ने पेट्रोल डीजल की कीमत कम करने की सोची है। मध्य प्रदेश में भी पेट्रोल की कीमत 109 रुपये प्रति लीटर के आसपास है।
इसमें राज्य सरकार द्वारा लिया जाने वाला 29% वैट और करीब ढाई रु का सेस भी शामिल है। इसके बाद अब पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से नीचे किए जाने की कोशिश है।
फिलहाल आई जानकारी की मानें तो आने वाले दिनों में सरकार जो वेट के रूप में 24.42 रुपये की राशि वसूलती है उसमें 7 रुपये की कमी की जा सकती है वही जो ढाई रुपये है उसे भी कुछ हद तक कम किया जा सकता है। इस तरह पेट्रोल की कीमत करीब 98 से 99 रुपये प्रति लीटर किए जाने की उम्मीद है।
इसी तरह कुछ कमी डीजल के दामों में भी होगी। हालांकि इससे सरकार को 400 करोड़ रुपये का घाटा होगा और उसकी कई महत्वाकांक्षी योजनाओं में परेशानी आ सकती है।
इसी तरह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का खरगोन में दिया गया भाषण चर्चा में रहा। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने सीएम शिवराज की भावांतर योजना बंद कर दी और इससे किसानों को नुकसान हुआ और फिर शिवराज सरकार ने यह योजना फिर शुरू कर दी जबकि भावांतर योजना शिवराज सरकार के समय से ही बंद है और उन्होंने दोबारा मुख्यमंत्री बनकर भी इसे शुरू नहीं किया है जबकि इसकी मांग लगातार उठती रही है। कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष के इस दावे को पूरी तरह झूठ बताया है।
कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने कहा कि शिवराज जी के नेतृत्व में भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने झूठ बोलने की हैट्रिक लगाई है… पढ़िये उनका ट्वीट।
झूठ झूठ झूठ
शिवराज जी के नेतृत्व में भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने लगाई झूठ बोलने की हैट्रिक।राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा: प्रदेश में भावांतर योजना चल रही है। सच्चाई यह है कि शिवराज जी के वर्तमान कार्यकाल में भावांतर योजना बंद है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था बीजेपी… pic.twitter.com/O5NyWqh4gj
— Piyush Babele||पीयूष बबेले (@BabelePiyush) June 30, 2023
सबसे ताकतवर सत्तारुढ़ दल के इन नेताओं की इन गलतियों से ज़ाहिर है कि मध्यप्रदेश के बारे में उन्हें कोई खास जानकारी नहीं है और उनके यह दौरे तथा विपक्षी दलों पर लगाए जा रहे आरोप चुनाव से प्रेरित हैं। ऐसे में इन राष्ट्रीय नेताओं की सक्रियता पर तो सवाल उठता ही है मध्यप्रदेश के पार्टी संगठन की भूमिका पर भी सवाल हैं कि क्या वे अपनी सरकार के बारे में पार्टी को सही जानकारी भी नहीं दे रहे हैं।