धार। घाटाबिल्लौद में छह साल पहले हुए गोलीकांड में इंदौर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सात लोगों को सात साल की सजा सुनाई है। इसमें पूर्व विधायक बालमुकुंद सिंह गौतम सहित सात लोगों को सात साल की सजा सुनाई गई है।
यह फैसला आईपीसी की धारा 307 यानी हत्या का प्रयास के मामले में सुनवाई के बाद आया है। वहीं इसी केस से जुड़े दूसरे पक्ष को आईपीसी की धारा 302 में दोषमुक्त कर दिया गया है।
यह है विवाद –
कांग्रेस नेता बालमुकुंद सिंह गौतम व जिला पंचायत सदस्य रह चुके चंदन सिंह सुनैर में फैक्ट्रियों में यूनियन के वर्चस्व को लेकर विवाद लंबे समय से चल रहा था। कांग्रेस के चंदन सिंह और बालमुकुंद सिंह गौतम दोनों की फैक्ट्रियों में अपनी-अपनी यूनियन के लोग हैं।
इन फैक्ट्रियों की यूनियन पर कब्जे आदि को लेकर उनके बीच में मतभेद थे। इसके अलावा राजनीतिक रूप से इनमें वर्चस्व के लिए शक्ति प्रदर्शन होता रहता था।
यह विवाद ही बाद में हत्या के प्रकरण में तब्दील हो गया, घटना के दौरान कांग्रेस नेता बालमुकुंद सिंह गौतम कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हुआ करते थे।
धार के युवक की हुई थी मौत –
घटना 2 जून 2017 को धार व इंदौर जिले के बॉर्डर घाटाबिल्लौद क्षेत्र में दोनों पक्षों में विवाद हुआ था। पहली रिपोर्ट कांग्रेस नेता बालमुकुंद सिंह गौतम की और से दर्ज करवाई गई थी जिसमें बताया कि बेटमा क्षेत्र में मान के कार्यक्रम से लौट रह थे, तभी पेट्रोल पंप के पास आरोपी चंदन पिता देवी सिंह ने आकर विवाद किया व पांच से छह फायर किए जिसमें दो फायर पिंटू जायसवाल व बबलू चौधरी को लगे थे और बबलू की मौत हो गई थी।
मृतक बबलू गौतम का कट्टर समर्थक माना जाता था और धार से पार्षद का चुनाव भी कांग्रेस की ओर से लड़ चुका था। इस मामले में जिला पंचायत सदस्य इंदौर चंदन सिंह, समंदर, घनश्याम, महेंद्र, राहुल, रघुनाथ, अर्जुन सहित अन्य पर प्रकरण दर्ज करवाया गया था जिसमें बाद में हत्या की धारा बढ़ गई थी।
दूसरी तरफ, चंदन सिंह की रिपोर्ट पर पीथमपुर पुलिस ने केस दर्ज किया था जिसमें बताया गया था कि बालमुकुंद सिंह गौतम अपने समर्थकों को लेकर आए व विवाद करते हुए गोली चलाई थी जिसमें से एक गोली चंदन सिंह के भांजे सहित एक राहगीर को लग गई थी।
घटना वाले दिन दोनों घायलों को अस्पताल भेजा गया था। इस मामले में पुलिस ने रिपोर्ट पर पुलिस ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम सहित उनके भाई राकेश गौतम निवासी सदर, जिला पंचायत के पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज गौतम निवासी सदर, पंकज पिता रामप्रताप गौतम, पप्पू पिता जगतनारायण गौतम तथा युवक कांग्रेस के नेता राजेश पिता अजब सिंह पटेल निवासी पीथमपुर के खिलाफ हत्या के प्रयास का प्रकरण दर्ज किया था।
इन दोनों गुटों में हुए विवाद के दौरान गौतम के एक समर्थक की मौत व दूसरा घायल हुआ था। वहीं दूसरे गुट के दो लोग भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे, घटना को छह साल बीत चुके हैं।
इस बीच, जिले की राजनीति में भी बदलाव आ चुका है। गौतम की ओर से गोली खाने वाले पिंटू जायसवाल इन दिनों भाजपा के हो चुके हैं। कभी गौतम के खास समर्थकों में गिनती रखने वाले जायसवाल भाजपा नेता बन चुके हैं।
धार व बदनावर में दावेदारी कर रहे गौतम बंधु –
बालमुकुंद सिंह गौतम लंबे समय तक धार जिला अध्यक्ष पद रह चुके हैं। इस दौरान धार विधानसभा से दो मर्तबा चुनाव भी लड़ चुके हैं। साथ ही एक बार उनकी पत्नी भी चुनाव हार चुकी हैं।
वर्तमान में बालमुकुंद सिंह गौतम ने जिला अध्यक्ष पद से हटने के बाद विधानसभा के लिए पुनः दावेदारी शुरू कर दी है। जिले की बदनावर विधानसभा से टिकट पाने की जुगाड़ में लगे हुए हैं।
वहीं इनके छोटे भाई मनोज सिंह गौतम वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं और साथ ही धार विधानसभा से दावेदारी भी कर रहे हैं। इन दोनों नेताओं को इंदौर की एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है।
अभिभाषक आनंदीलाल व्यास ने बताया कि चंदन सिंह की रिपोर्ट पर बालमुकुंद सिंह गौतम, मनोज गौतम, राकेश गौतम, पंकज गौतम, विरेंद्र गौतम व राजेश पटेल को सात साल की सजा हुई है।
राहगीर के घायल होने के मामले में भी सात साल की सजा इन सभी को हुई है। इस तरह से सात-सात साल की सजा कोर्ट ने दी है। साथ ही इसी प्रकरण में जितेंद्र, पिंटू व चंद्रभूषण को बरी किया गया है।
इसी घटना को लेकर दूसरे पक्ष की ओर से चंदन सिंह सहित अन्य लोगों पर पुलिस ने जो प्रकरण दर्ज किया था, उसमें सभी को बरी कर दिया गया है।