नई दिल्ली। पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए केंद्र सरकार पर लगातार बढ़ रहा है और इस बीच खबर आ रही है कि NPS यानी नई पेंशन स्कीम में सरकार कुछ बदलाव कर सकती है जिसके बाद कर्मचारियों की नाराजगी कुछ हद तक दूर होगी।
सरकार की कोशिश है कि कर्मचारियों को मिनिमम एश्योर्ड पेंशन की गारंटी दी जाए। समाचार ऐजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सरकार NPS के नियमों में बदलाव करके कर्मचारियों को 40% से 45% एश्योर्ड मिनिमम पेंशन देने के लिए एक नया फार्मूला बनाया जा रहा है। सरकार ने इसके बारे में बीते 6 अप्रैल को भी बात की थी। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी संसद में पेंशन स्कीम को लेकर बढ़ रही नाराजगी के चलते इसे रिव्यू करने की बात कही थी। हालांकि बताया जाता है कि यह तय है कि सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बारे में नहीं सोच रही है।
कर्मचारियों के द्वारा पुरानी पेंशन योजना की मांग करते हुए देश भर में विरोध प्रदर्शन किए जाते रहे हैं और ये सिलसिला अभी तक जारी है और सबसे ज्यादा निशाने पर भाजपा सरकार ही है क्योंकि साल 2005 में वाजपेयी सरकार ने इस योजना को लागू किया था।
इसके बाद से ही भाजपा सरकारें इसे लेकर कोई बदलाव नही करना चाहती थीं और कांग्रेस सरकारों ने जनता से खुलकर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का वादा किया जिसका लाभ उन्हें चुनावों में भी हुआ। ऐसे में अब सरकार नई पेंशन योजना में बदलाव करने के लिए विवश दिखाई दे रही है। मप्र में भी कांग्रेस पुरानी पेंशन योजना लागू करने की बात कह रही है।
2004 से पहले मिलने वाली पुरानी पेंशन में कर्मचारियों को 50 प्रतिशत एक तय राशि उनकी पेंशन के रुप में मिलती थी लेकिन नई पेंशन योजना में ऐसा नहीं है। यह मार्केट लिंक्ड प्लान पर आधारित है ऐसे में कर्मचारियों को पहले के मुकाबले बेहद कम पेंशन मिलती है।
वर्तमान राष्ट्रीय पेंशन योजना में कर्मचारियों को अपने मूल वेतन का 10% और सरकार को 14% योगदान करने की आवश्यकता होती है। अंतिम भुगतान उस कोष पर बाजार के रिटर्न पर निर्भर करता है, जिसे ज्यादातर सरकारी कर्ज में निवेश किया जाता है।