MP में BRS कमलनाथ के गढ़ में लगाएगी सेंध, तेलंगाना सीएम केसीआर बना रहे योजना


हालही में बड़ी संख्या में कई नेता केसीआर से मिलकर उनकी पार्टी में शामिल हुए थे।


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
राजनीति Updated On :
बीआरएस प्रमुख केसीआर से मिलते हुए एमपी के नेता (फाइल)


भाजपा कांग्रेस के लिए आने वाले चुनाव और भी पेचीदा हो सकते हैं। मध्य प्रदेश समेत राजस्थान छत्तीसगढ़ में भाजपा व कांग्रेस के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। विशेष तौर पर मध्य प्रदेश में ज्यादा फोकस रहेगा। यहां तेलंगाना की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस ) प्रदेश के पूरे 230 विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़ी करने खड़ा करने की योजना बना रही है। इसके लिए उसने भाजपा कांग्रेस के कई पुराने असंतुष्ट नेताओं, प्रशासन के कई रिटायर अधिकारियों को साथ लेने की कवायद शुरू कर दी है।

दक्षिण का तेलंगाना मॉडल अब तेलंगाना तक सीमित नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में भी प्रयोग किया जाएगा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की पार्टी भारत राष्ट्र समिति ने मध्य प्रदेश में अपना नेटवर्क तैयार करना शुरू कर दिया है। मंगलवार को महाकौशल क्षेत्र की एक बैठक सिवनी की एक बड़ी होटल में हुई। जिसमें पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल (प्रदेश समन्वयक ), जुन्नारदेव के पूर्व विधायक रामदास उईके, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के श्यामलाल भलावी, लक्ष्मण मर्सकोले समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। इस बैठक में आगामी 4 महीने में ग्राम स्तर तक पहुंचाने की प्लानिंग तैयार की गई है। इसके अलावा जगह-जगह बैठक आयोजित कर सदस्यता अभियान चलाने पर चर्चा हुई।

जुन्नारदेव के पूर्व विधायक रामदास उइके ने देशगांव से चर्चा करते हुए कहा कि अभी 10 – 11 जून को तेलंगाना सीएम ने मध्य प्रदेश के कुछ खास नेताओं के साथ हैदराबाद बुलाकर बैठक ली और इस बात पर जोर दिया कि पिछले 75 साल में प्रदेश की जनता कांग्रेस और भाजपा को देख चुकी है वहां भारत राष्ट्र समिति सशक्त तीसरा मोर्चा बन सकता है इसलिए अब इसके लिए प्रयास शुरू किए जाएं। तेलंगाना मॉडल के बारे में लोगों को बताने को कहा गया जैसे कि हर किसान को हर फसल पर 5000 रु देने समेत बिजली, स्वास्थ्य ,शिक्षा आदि कई योजनाओं का जिक्र किया जाए।

कमलनाथ के गढ़ में सबसे पहले सेंधः जुन्नारदेव छिन्दवाड़ा के पूर्व विधायक एवं बीआरएस के महाकौशल प्रभारी रामदास उईके से जब पूछा गया कि कमलनाथ का गढ़ तो सबसे सशक्त है तो उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का सबसे पहला लक्ष्य यह है कि इसी घर में सेंध लगाई जाए चूंकि कमलनाथ धन और बाहुबल से चुनाव जीतते हैं आदिवासियों में असंतोष है और वह बीआरएस के साथ खड़े होंगे। उन्होंने कहा कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी कई टुकड़ों में बट गई है जिसका लाभ पहले से ही कमलनाथ लेते आए हैं और अब वह सब लोग तेलंगाना की पार्टी के साथ रहेंगे।

उन्होंने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री की प्लानिंग है कि चार-पांच महीने में विधानसभा के प्रभारी और सह प्रभारी बनाकर उन्हें पूरे संसाधन मुहैया कराए जाएं ताकि वह गांव-गांव तक तेलंगाना मॉडल को बता सकें और उसके प्रत्याशी के बारे में विचार कर सकें।



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