इंदौर। मंदसौर में 6 जून साल 2017 को पुलिस के द्वारा चलाई गई गोलियों से 5 किसानों की मौत हो गई जिसके बाद इस मामले की जांच के लिए जो कमेटी बनाई गई उसकी रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है। राज्य सरकार मंगलवार को इस मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट को इस सवाल पर अपना जवाब फिर नहीं दे सकी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट के द्वारा पूछे जाने पर सरकारी वकील ने आश्वासन दिया कि मंगलवार को ही जवाब प्रस्तुत कर दिया जाएगा, लेकिन शाम तक यह जवाब कोर्ट के रिकार्ड में नहीं आया। मामले में अब अगले सप्ताह सुनवाई होगी। इस याचिका में अब विधानसभा सचिवालय प्रमुख सचिव पक्षकार नहीं होंगे।
उल्लेखनीय है कि इस मामले की जांच के लिए शिवराज सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेके जैन की अध्यक्षता में जैन आयोग का गठन किया था। इसके बाद आयोग ने अलग-अलग बिंदुओं पर जांच करते हुए सभी पक्षों के बयान लिए और अपनी रिपोर्ट तैयार की। जेके जैन आयोग की यह रिपोर्ट 13 जून 2018 को आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत भी कर दी थी।
जांच आयोग अधिनियम, 1952 की धारा 3 के अनुसार जांच आयोग की रिपोर्ट तथा इस रिपोर्ट की अनुशंसा अनुसार की गई कार्रवाई छह माह के भीतर विधानसभा में प्रस्तुत करनी थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। इसे लेकर पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने एडवोकेट प्रत्युष मिश्रा के माध्यम से जनहित याचिका दायर की है। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने शासन से पूछा था कि वह बताए कि रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं की गई?