इंदौर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
बुधवार को, बड़ी संख्या में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने एआरएनटी मार्ग पर स्थित प्रशासनिक परिसर का घेराव किया। छात्रों ने एक रैली के रूप में विश्वविद्यालय तक पहुंचकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
विवि में हो रहे कामों को लेकर एनएसयूआई और एबीवीपी इस बार एक साथ नजर आ रहे हैं। इस मुद्दे पर एनएसयूआई से जुड़े छात्र भी एबीवीपी के सर्मथन में नजर आए।
इस मामले में एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश के उच्चतम ग्रेड के विश्वविद्यालयों में से एक है और उसे ए प्लस ग्रेडिंग भी प्राप्त हो चुकी है। हालांकि, विश्वविद्यालय में कई कमियां हैं। हाल ही में कई परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया और अगली तारीख दे दी गई।
छात्र नेताओं ने कहा कि बाहरी जिलों से आने वाले छात्रों की समस्याओं को कोई सुनने वाला नहीं है। यहां सीधे तौर पर विवि प्रशासन पर आरोप लगाया जा रहा था। प्रशासनिक स्तर पर विश्वविद्यालय में छात्रों की सुविधा के लिए कोई व्यवस्था न किए जाने का आरोप लगाया गया।
सोलंकी ने बताया कि डीएवीवी के क्षेत्रीय केंद्र निष्क्रिय हो चुके हैं। वहां जाने पर दो या तीन दिन रुकना पड़ता है, लेकिन फिर भी समस्याओं का समाधान नहीं होता है। उन्होंने मांग की कि हर साल दो बार पीएचडी परीक्षा होनी चाहिए, लेकिन इसकी तारीख ही निर्धारित नहीं होती है।
सोलंकी ने बताया कि हमने छात्रों की ओर से 23 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन कुलपति रेणू जैन को सौंपा है। हमने कहा है कि यदि हमारी मांगें पूरी नहीं जाती हैं और छात्रों के हित में निर्णय नहीं लिया जाता है तो हम उग्र आंदोलन करेंगे और कुलपति का इस्तीफा मांगेंगे।
इन 23 सूत्रीय मांगों में ये पांच मांगें अहम रहीं –
- वीसी हेल्पलाइन नंबर जारी करने।
- विश्वविद्यालय परिसर नशाखोरी एवं नशे का व्यापार पर रोक लगाने की दिशा में कदम उठाने।
- सफाई कर्मचारियों के वेतन में भ्रष्टाचार करने वाली ब्लैक लिस्टेड आउटसोर्स कंपनी का टेंडर निरस्त करने।
- 39 लाख रुपये से ज्यादा भुगतान करके बनाए गए रीजनल सेंटरों को सक्रिय रखने।
- विद्यार्थियों सभी कोर्स की परीक्षा शुल्क समान करना एवं मूल्यांकन में पारदर्शिता बरतने।