भोपाल। सरकार की वादाखिलाफी से नाराज 32000 एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी लगातार अपनी मांगों को लेकर हड़ताल-प्रदर्शन कर रहे हैं और अब उन्होंने 29 मई को भोपाल में सीएम हाउस का घेराव करने का फैसला किया है।
प्रदेश के 32000 एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने पहले तो एक पखवाड़े तक काम बंद रखा और फिर इन्होने 8 मई को सरकार के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया।
ये संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 18 अप्रैल से अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल भी कर रहे हैं जो अभी भी जारी है। प्रदेश के मंत्रियों के बंगले के घेराव से लेकर अस्पताल परिसर में धरना-प्रदर्शन तक कर चुके इन कर्मचारियों ने अब सीएम हाउस के घेराव का फैसला लिया है ताकि इनकी मांगों पर सुनवाई हो सके।
एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का कहना है कि 29 मई को एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर सभी लोग भोपाल में जुटेंगे और सीएम हाउस का घेराव करेंगे।
एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय ठक्कर के नेतृत्व में ये संविदा स्वास्थ्यकर्मी एकत्रित होकर भोपाल में सीएम हाउस का घेराव करेंगे और अपनी मांगें सीएम के सामने रखेंगे।
बता दें कि अपनी दो प्रमुख मांगों को लेकर प्रदेश के सभी जिलों में 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा लगातार हड़ताल और आंदोलन किए जा रहे हैं, लेकिन अब तक इस मामले का कोई भी हल नहीं निकल पाया है।
इन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि वो 2013 से लगातार अपनी मुख्य मांगों को लेकर शासन-प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। इसे लेकर 2018 में भी 42 दिन की हड़ताल की गई थी और उस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा था कि संविदा एक शोषणकारी एवं अन्यायपूर्ण व्यवस्था है और इसे खत्म किया जाएगा। इस साल भी ये लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।
एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की प्रमुख मांगें –
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए।
- 5 जून 2018 को समान्य प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90% वेतनमान तत्काल लागू किया जाए।
- सीएचओ कैडर को MLHP कैडर के तहत नियमित किया जाए।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर आउटसोर्स किए गए सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए।
- विभाग में रिक्त पदों पर समायोजन किया जाए एवं पद समाप्ति के कारण निष्कासित किए गए कर्मचारियों को तत्काल वापस लिया जाए।